सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनने के बाद अब कांग्रेस 100 दिनों का हिसाब मांग रही है। कांग्रेस से हमने हिसाब मांगा तो मुश्किल हो जाएगी। कहा कि कई दशकों हिमाचल समेत देश में शासन करनी वाली कांग्रेस अब हमसे हिसाब मांग रही है। हम काम के साथ साथ हिसाब भी दे रहे हैं।
मनाली के मनुरंगशाला में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं है। मेरा परिवार राजनीति या उद्योगपति नहीं हैं। मेहनत मजदूरी से पालन पोषण हुआ है। अबकी बार हिमाचल की राजनीति में परिवर्तन हुआ है। कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने बिना वित्त विभाग की मंजूरी 16 कॉलेज खोले।
पिछले श्रीमान 1-1 लाख रुपए देकर कॉलेज खोले। कहा कि अब लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है। स्कूल, पीएचसी, कॉलेज व अन्य संसथान देने से जनता गुमराह नहीं होती। जनता गुमराह होने के बजाए बोलती है कि सब दे दोए लेकिन वोट अपनी मर्जी से देते हैं। मैं होने वाले काम की ही हामी भरता हूं। न होने वाले काम को मना कर देता हूं।सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा की जिमेवारी खुद लेनी पड़ेगी। इसे सरकार पर मत छोड़ो। अपनी सुरक्षा पर लापरवाही पर नुकसान झेलना होगा। कहा कि गोवंश के संवर्धन के लिए मंदिर का 15 प्रतिशत लेने पर कांग्रेस मित्रों को दिक्कत हो गई। पुण्य कार्य के लिए पैसे का इस्तेमाल किया। जबकि कांग्रेस कार्यकाल में मंदिर के पैसे से ए सीए मोबाइलए गाड़ी ली गई।
जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा की दृष्टि पत्र में फोरलेन प्रभावितों का मामला शामिल रहा है। यह उनकी दृष्टि में भी है। चेक किया जा रहा है कि किन बिंदुओं पर काम हो सकता है। इस संबंध में प्रभावितों के 5.6 लोग भी बुलाएं हैं ताकि बैठकर मसला सुलझाया जा सके। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ हमने भी इसे स्वीकार किया है। इस संबंध में कर्मचारी भी अब सहमत है।
इस दौरान वन मंत्री गोविंद ठाकुर, सासंद रामस्वरुप शर्मा, विधायक सुरेंद्र शौरी, डीसी यूनुस, एसपी शालिनी अग्निहोत्री व अन्य मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव को लेकर सीएम ने कहा कि उनका चुनाव लड़ने का मन नहीं था। लेकिन उन्होंने संगठन कहने पर चुनाव लड़ा और हार मिली। इसके बाद दोबारा चुनाव लड़ने को बोला गया। लेकिन मैंने मना किया और रामस्वरुप शर्मा को टिकट देने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मामला केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के विचाराधीन है। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए अगर गग्गल में उपयुक्त भूमि उपलब्ध होगी तो विस्तार किया जा सकता है। गग्गल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने यह बात पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कही।
उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी घटना के बाद केंद्र सरकार ने कांगड़ा एयरपोर्ट को विकल्प के तौर पर एयरबेस बनाने का विचार किया है। कांगड़ा एयरपोर्ट से जम्मू कश्मीर, पंजाब और लेह लद्दाख के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर विपरीत परिस्थितियों में नियंत्रण पाया जा सकता है। बड़े जहाज उतारने की तैयारी की जा रही है। इसलिए, रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार ने प्रपोजल बनाकर आगे भेज दिया है।
वैसे तो मंडी में भी अंतराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाने की बात चल रही है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से गग्गल एयरपोर्ट अति महत्वपूर्ण है। इस दौरान गग्गल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का विरोध कर रहे ग्रामीणों के प्रतिनिधमिंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कहा कि प्रदेश सरकार विस्तारीकरण के बारे में पूर्व सरकारों की भांति गोलमोल बातें न करके पूरी स्थिति स्पष्ट करे।