Home हिमाचल प्रदेश CM को समस्याएं बताने आए लोगों को लौटना पड़ा बैरंग..

CM को समस्याएं बताने आए लोगों को लौटना पड़ा बैरंग..

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सार्वजनिक जनसभा हो और लोगों को CM से न मिलने दिया जा रहा हो तो वह सभा ही क्या जिसमें आमजन की आवाज न सुनी जाए। अगर यह कार्यक्रम सरकार या किसी विभाग का होता तो बात और होती लेकिन इसका प्रचार पूरे दून विस में जनसभा के रूप में किया गया था कि सीएम आएंगे और अपनी बात कहेंगे। दून व पहाड़ के दूरदराज क्षेत्रों से जैसे-तैसे करके निमंत्रण पैलेस पहुंचे लोगों को वहां पहुंच कर निराशा ही हाथ लगी। कई पहाड़ी लोग तो मुख्य सड़क तक आने के लिए कई किलोमीटर पैदल भी चलकर आए थे

उनको अंदेशा नहीं था कि जहां वे फरियाद लेकर जा रहे हैं वहां उनका दर्द सुनने की बजाय धक्के ही खाने पड़ेंगे। सीएम के सिक्योरिटी स्टाफ ने मंच को इस कद्र घेर रखा था कि परिंदा भी पर न मार सके। कुछ अधिकारी बीबीएन के गत दौरे में हुई अव्यवस्था को लेकर ज्यादा चौकन्ने दिखे लेकिन उसका खामियाजा आम व गरीब जनता को उठाना पड़ा। एक बार तो लगा कि वीआईपी कल्चर को समाप्त करने की महज बातें ही है। होता यह है कि जब सीएम सार्वजनिक जनसभा में होते हैं तो वह मंच पर खाली समय में लोगों की अर्र्जियां लेकर उनको मार्क करते रहते हैं या जनसभा के बाद खुला दरबार लगाकर शिकायतें सुनते हैं।

दूरदराज क्षेत्रों से आए लोगों ने सीएम तक अपनी अर्जी व फरियाद पहुंचानी चाही तो सिक्योरिटी स्टाफ आड़े आ गया। शिमला से आए स्टाफ का रवैया इतना सख्त था कि पंडाल में बैठे लोग भी उससे खफा दिखे। यह स्टाफ यशस्वी व युवा सीएम व आमजन के बीच बाधा बनता रहा। न कोई फरियादी मंच तक पहुंच पाया और न ही अपना दर्द सीएम को बता पाया। बाद में एक भाजपा नेता ने समस्त अर्जियां व फरियादें एकत्रित करके जाते-जाते सीएम को थमा दी।

मंच से उतरकर सीएम जाने लगे तो आयोजक उनको भोजन करवाने के लिए जनता के बीच न ले जाकर पैलेस के ऊपर बने होटल में ले गए यानी यहां पर भी जनता से जुड़े सीएम को जनता से दूर करने के प्रयास किए गए। लोग खाना खाने के लिए बहुत कम लगाए गए स्टॉलों पर बुरी तरह टूट पड़े और अव्यवस्था का आलम नजर आया। लोगों को आस थी कि मुख्यमंत्री आम जनता के बीच में बैठकर भोजन करेंगे लेकिन आयोजकों ने ऐसा नहीं होने दिया। उधर रैली के दौरान कई लोगों के मोबाइल भी गायब पाए गए। पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का दून का पहला दौरा पूरी तरह से फ्लॉप रहा। भाजपा सीएम की जनसभा के लिए लोग नहीं जुटा पाई, जबकि इतने दिनों से सीएम के दौरे को लेकर प्रचार किया जा रहा था।

जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी तंत्र, आईपीएच विभाग के कामगारों, पटवारियों, स्वास्थ्य विभाग कर्मियों व नर्सों व मजदूरों का सहारा लिया गया। राम कुमार चौधरी ने कहा कि पहले सीएम की जनसभा के लिए पैलेस के बाहर ग्राउंड में तैयारी की गई थी लेकिन बाद में लोगों की भीड़ न जुट पाने के कारण हॉल में कार्यक्रम करवाया गया। राम कुमार चौधरी ने कहा कि जितने लोग भाजपा मुख्यमंत्री की जनसभा में जुटे इतने लोग तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दून से गुजरने के दौरान स्वागत के लिए जुट जाते थे। पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा विधायक पूरी तरह से फेल साबित हो चुके हैं यह प्रमाण दून की जनता ने भाजपा की जनसभा से किनारा करके दे दिया है। उन्होंने कहा कि दून भाजपा और विधायक से दून की जनता का मोह भंग हो चुका है और लोग पम्मी को विधायक चुनकर पछता रहे हैं।

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