मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के प्रयासों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा पिछले छह माह में किसानों के खातों में लगभग 3527 करोड़ की राशि विभिन्न योजनाओं के जरिये जमा करवाई गई है। इन योजनाओं में किसानों का ऐतिहासिक कवच के रूप में जानी गई मुख्यमंत्री किसान भावान्तर योजना और मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना प्रमुख हैं।
इसके अलावा रबी 2017-18 में चना, मसूर, सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये पंजीकृत लगभग 15 लाख किसानों के खातों में 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि के रूप में इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये पहुँचाये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि पंजीकृत किसानों से 10 अप्रैल से 9 जून की अवधि में 21 लाख मी.टन चना, 3 लाख मी.टन मसूर और 4 लाख मी.टन सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्थाएँ की गई हैं।
अभी तक किसानों के खाते में पहुँचाई गई 3527 करोड़ की राशि में 1677 करोड़ की राशि रबी 2016-17 की धान की खरीदी पर 200 रुपये प्रति क्विंटल के मान में दी गई प्रोत्साहन राशि शामिल है। वर्ष 2017-18 के लिये पायलट आधार पर लागू की गई भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत 12 लाख किसानों के खाते में जमा की गई 1850 करोड़ की भावांतर राशि भी इसी में शामिल है।
मण्डी भावों पर 1000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ
इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से मण्डी दरें नीचे आने पर प्राइस सपोर्ट स्कीम के जरिये प्याज, मूँग, अरहर, मसूर, उड़द की खरीदी कर किसानों को मण्डी भावों से 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ दिलाया गया है।
रबी मार्केटिंग सीजन वर्ष 2018-19 में भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी
राज्य सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19 में ई-उपार्जन में गेहूँ बेचने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। इस वर्ष 26 मई तक मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने वाले किसानों को मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में 265 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी सीजन में ई-उपार्जन का पंजीयन करवाने वाले किसानों, जो चना, मसूर और सरसों का विक्रय करेंगे, को 9 जून की अवधि में विक्रय करने पर 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।