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दिल्ली-एनसीआर पर अभी थमा नहीं है खतरा, 50-70KM/h की गति से तूफान आने की आशंका…

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दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की रात को आई तेज धूल भरी आंधी के कारण मौसम बिगड़ गया है। लेकिन अगर आप ये सोच रहे हों कि अब खतरा टल गया है तो अभी ऐसा नहीं है। मौसम विभाग आज के मौसम को लेकर कुछ अपडेट्स दिये हैं। नए अपडेट के मुताबिक मंगलवार या आज भी दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्से में तूफान आ सकता है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका जताई है।

उधर उत्तर भारत में बेमौसम आंधी-तूफान को वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के खतरों से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब इनका दायरा और बढ़ रहा है। आज मौसम विभाग ने 21 राज्यों में तूफान की चेतावनी दी है। यहां अगले 48 घंटे में कभी भी तूफान आ सकता है।

मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, सिक्किम, पूर्वी व पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उड़िसा, विदर्भ, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अगले 48 घंटे में तूफान आ सकता है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जम्मू-कश्मीर, हिमाचल , उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिमि उत्तर प्रदेश, सिक्किम और पूर्वी बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

वहीं पंजाब, दिल्ली, पूर्वी स्थान पश्चिमी राजस्थान विदर्भ और मराठवाड़ा, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में ओला वृष्टि और भारी बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल के जी रमेश ने बताया कि ऊंचे हिल स्टेशन वाले राज्य जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटे में फिर आएगा तूफान। यहां कल जैसा तूफान भी आ सकता है। जबकि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में कल की अपेक्षा थोड़ा कम प्रभाव रहेगा।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने कहा कि पिछले दिनों तूफान के व्यापक होने की वजह यह थी कि कई मौसमी तंत्र आपस में मिल गए और आंधी-तूफान का जो दायरा किसी छोटे से क्षेत्र तक सीमित रहना चाहिए था, वह दूर तक फैल गया। इतने बड़े दायरे में इस मौसम में पहले कभी ऐसे तूफान की घटना नहीं मिलती, जबकि पूर्व में इससे भी बड़े तूफान आ चुके हैं।

मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर रंजीत सिंह का मानना है कि अब मौसम के दौरान अचानक इसके ज्यादा बिगड़ जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जैसे अचानक ज्यादा बारिश होना, ज्यादा सर्दी या गर्मी पड़ना या फिर ऐसे तूफान आना। इन घटनाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हो सकता है। खतरा यह भी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति भविष्य में और जल्दी-जल्दी हो सकती है। साथ ही ये ज्यादा विकराल रूप ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1974 में दिल्ली में आए टोरनाडो का रिकॉर्ड है जिसने डीटीसी बस को भी उड़ा दिया था। उसके बाद भी ऐसे कई मौके आए हैं, जब भयावह आंधी-तूफान दिल्ली एनसीआर में आए। उनकी गति तो ज्यादा थी लेकिन दायरा इतना लंबा नहीं था।मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदशक एम. महापात्र के अनुसार, गर्मियों के दौरान आने वाले आंधी-तूफान को मौसम विज्ञान की भाषा में थंडर स्ट्रॉम कहा जाता है। यह साइक्लोन (तूफान) नहीं है। मौसम विभाग थंडर स्ट्रॉम का ब्योरा नहीं रखता। लेकिन उसका दावा है कि देश में इसकी संख्या में कमी आई है।

मौसम विभाग द्वारा आंधी-तूफान की चेतावनी के बीच सोमवार को पहाड़ों पर बर्फबारी हुई तो चंडीगढ़ में बारिश और राजस्थान के कुछ इलाकों तेज हवाएं चली। मौसम विभाग ने राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली सहित आठ राज्यों में तूफान की चेतावनी को बुधवार तक के लिए बरकरार रखा है, इसके मद्देनजर सभी संबद्ध राज्यों में आपदा प्रबंधन केंद्रों से हर स्थिति से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने को कहा गया है। कई जगहों पर स्कूल-कॉलेजों को भी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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