मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से आज यहां भारत में नार्वे के राजदूत नील्ज़ रागनर कामस्वेग ने भेंट की। राजदूत ने हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत तथा पर्यटन क्षेत्रों में नार्वे द्वारा निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं तथा नार्वे के पास इस क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक है, जिससे जल विद्युत ऊर्जा का सम्पूर्ण दोहन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत तथा नार्वे के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं तथा इन्हें और सुदृढ़ करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा की अनुमानित क्षमता लगभग 26 हजार मेगावाट है। राज्य सरकार इस क्षेत्र की प्रगति के लिए सार्वजनिक तथा निजी सहभागिता के माध्यम से प्रदेश की ऊर्जा क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि नार्वे द्वारा जल विद्युत तथा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों में निवेश का हिमाचल स्वागत करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में उद्यमियों को निवेश में हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
नार्वे के राजदूत ने मुख्यमंत्री को नार्वे द्वारा जल विद्युत उत्पादन में उपयोग की जा रही अत्याधुनिक तकनीक के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि नार्वे विश्व में गैस का तीसरा सबसे बड़ा प्रोत्साहक देश है। नार्वे की 98 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों को जल विद्युत उत्पादन से पूरा किया जाता है। नार्वे हिमाचल प्रदेश में ऊर्जा तथा पर्यटन क्षेत्रों में निवेश के लिए रूचि रखता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा तथा नार्वे दूतावास की सैकंड सचिव मार्टा ग्जोट्ज़ भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।