एडीएम मस्त राम भारद्वाज की अगुवाई में जांच पूरी कर बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसा बाइक की वजह से नहीं बल्कि ड्राइवर को झपकी आने या बच्चों के शोर-शराबे की वजह से पीछे देखते वक्त हुआ है। रिपोर्ट में सामने से आ रही मोटरसाइकिल, ड्राइवर के नशे में होने या खस्ताहाल सड़क की वजह से या फिर बस में तकनीकी खामी के कारण हादसा होने की बात को पूरी तरह खारिज किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, चालक के पोस्टमार्टम में उसके शरीर में शराब की मात्रा नहीं पाई गई है और न ही अन्य नशीले पदार्थ के सेवन की बात सामने आई है। हालांकि, सड़क की हालत कुछ खराब थी लेकिन इतनी नहीं कि ऐसा हादसा हो जाता। एडीएम कांगड़ा मस्त राम भारद्वाज ने बताया कि जांच रिपोर्ट डीसी कांगड़ा को सौंप दी गई है।
कांगड़ा के नूरपुर के चेली में बीते 9 अप्रैल को छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही 42 सीटर स्कूल बस 700 फीट गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 24 बच्चों समेत कुल 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद कहा जा रहा था कि बस चालक ने सामने आ रही तेज रफ्तार बाइक को बचाने के चक्कर में यह हादसा हुआ है, जिसे इस जांच रिपोर्ट में सिरे से खारिज कर दी गई है।