मंत्री अनिल शर्मा ने बताया कि मंडी शहर के बीच से बहने वाली सकोढी खड्ड के चैनेलाईजेशन के लिए डीपीआर तैयार कर मंजूरी के लिए भेजी थी और प्रदेश सरकार ने इसके लिए 5 करोड़ 59 लाख रुपये की राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पुराने सुकेती पुल के साथ बाइपास मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के संरक्षण के लिए रिटेनिंग वॉल के निर्माण का भी प्राक्कलन तैयार कर मंजूरी के लिए भेजा गया था। प्रदेश सरकार ने इसके लिए 3 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्थल पर रेहड़ी-फड़ी मार्केट विकसित की जाएगी। इसके अतिरिक्त यहां सार्वजिनक शौचालयों इत्यादि का निर्माण भी किया जाएगा ताकि स्थानीय जनता के साथ ही पर्यटकों को सुविधा प्रदान की जा सके।
शर्मा ने कहा कि स्वीकृत राशि लोक निर्माण विभाग को जारी कर दी गई है और शीघ्र ही इन दोनों परियोजनाओं पर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने उपरोक्त राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि बाईपास मार्ग पर बाजार विकसित होने से शहर का विस्तारीकरण होगा। उन्होंने कहा कि सकोढी खड्ड के तटीयकरण से शहर में सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
अनिल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऊर्जा नीति में बदलाव किया है और निवेशकों के हितों को भी ध्यान में रखा गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे प्रदेश में लंबित परियोजनाओं के निर्माण में गति आएगी। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के तुंगल क्षेत्र में व्यास नदी पर स्थापित होने वाली थौना-पलौन विद्युत परियोजना का कार्यालय कोटली में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 1500 करोड़ रुपये की इस परियोजना के निर्मित होने से विद्युत उत्पादन बढ़ेगा और परियोजना लागत का एक प्रतिशत प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर व्यय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना कार्य से स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी उपलब्ध होगा।