Home हिमाचल प्रदेश सामाजिक बदलाव के लिए सोच में बदलाव आवश्यकः मुख्यमंत्री…

सामाजिक बदलाव के लिए सोच में बदलाव आवश्यकः मुख्यमंत्री…

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शिमला शहर में कुछ सालां पहले क्रूरतापूर्वक मारे गए बालक युग को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शिमला खेल एवं सांस्कृतिक संघ, नर्सिंग कॉलेज तथा एकता शक्ति सेवा समिति रामपुर के सहयोग से कैप्सन म्यूजिक प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आज यहां शिमला के गयेटी थियेटर में ‘देवभूमि में युग का अन्त’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश युग हत्याकाण्ड तथा गुड़िया जैसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण शर्मिंदा हुआ है। ये मामले न केवल मानवीय मूल्यों में गिरावट की ओर ईशारा करते है, बल्कि बदलते मानव स्वभाव के बारे भी हमें सचेत करते हैं।
मुख्यमंत्री ने युग को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कुछ बुद्धिहीन तथा अमानवीय व्यक्तियों द्वारा चार वर्षीय बालक का अपहरण तथा क्रूर हत्या की गई। इसी प्रकार, गुड़िया मामले में भी 10वीं कक्षा की छात्रा लापता हो गई तथा दो दिन बाद पता लगा कि उसकी क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य क्रूरता के ऐसे कार्यों से शर्मिंदा है तथा हम सभी का दायित्व बनता है कि हम लोगों को इस बारे में जागरूक बनाएं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से कन्या भू्रण हत्या, महिला के साथ भेदभाव, छूआछुत तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामलों के बारे लोगों को जागरूक बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए  समाज में बदलाव लाने के लिए सोच में बदलाव आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिम वाहनी पत्रिका तथा युग को समर्पित गीतों सीडी तथा चींंतपेंदेतपजपण्बवउ वैबसाईट का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना ठाकुर को ‘मेरी बेटियां मेरा सम्मान’ पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर युग की माता पिंकी गुप्ता को भी सम्मानित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक संजीवन ने कहा कि भारतीय संस्कृति तथा परम्पराएं हमें प्रेम तथा सहानुभूति के साथ मिलजुल कर शान्तिपूर्वक रहना सिखाती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमें सभी को प्रेम और आदर देने की शिक्षा देती है। हमारी संस्कृति न केवल मनुष्य बल्कि नदियों तथा पहाड़ों की पूजा करना भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ मात्र कुछ किताबों को रटना नहीं है, बल्कि सभी का सम्मान करने वाला सच्चा मनुष्य बनाना है।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमें महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज देवभूमि हिमाचल में भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी संस्कृति का सम्मान करना चाहिए तभी भारत पुनः ‘विश्व गुरू’ बन पाएगा।
सन्दीप मस्ताना ने युग तथा गुड़िया को श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से करवाई गई विभिन्न गतिविधियों के बारे विस्तृत जानकारी दी।
पूर्व विधायक गोविन्द, महापौर नगर निगम शिमला कुसुम सदरेट, उप महापौर राकेश शर्मा तथा पार्षद भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।

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