इंदौर के राजबाड़ा इलाके में 20 अप्रैल को 4 महीने की दुधमुंही बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी को अदालत ने दोषी करार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई है. ये राज्य का पहला मामला जिसमें 23 दिन में फैसला आया. पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए 7 दिन में चालान पेश कर दिया.अपर सत्र न्यायधीश वर्षा शर्मा ने 21 दिन में हुई सुनवाई पूरी कर दोषी को सज़ा सुना दी.
विशेष सरकारी वकील अकरम शेख ने भी मामले में दोषी के लिये फांसी की सज़ा की मांग की थी.पुलिस ने मामले में सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के जरिये नवीन गडके को गिरफ्तार किया था, जो बच्ची के परिजनों का परिचित है. फैसला सुनाते हुए जज वर्षा शर्मा ने कहा, ‘यह एक अमानवीय कृत्य है. इतनी छोटी बच्ची जो रोने के अलावा कुछ नहीं जानती थी, उस बच्ची के साथ अमानवीय कृत्य किया गया.’ दोषी नवीन गडके ने कहा कि वो आखिरी बार अपनी मां और बहन से मिलना चाहता है.
गौरतलब है कि, इंदौर में राजबाड़ा क्षेत्र की एक वाणिज्यिक इमारत के बेसमेंट में बच्ची का लहुलूहान शव मिला था. बच्ची के मां-बाप गुब्बारे बेचकर गुजारा करते हैं. उनके पास अपना घर तक नहीं है. वे ऐतिहासिक राजबाड़ा महल के बाहर बच्ची के साथ खुले में सो रहे थे. नवीन गडके नाम के एक युवक ने उनके बगल में सो रही बच्ची को कथित तौर पर अगवा कर लिया. मामले में एएसआई को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड भी किया गया था.