चन्दन एक खास तरह की सुगन्धित लकड़ी है. इसकी सुगंध बेमिसाल होती है. जैसे-जैसे इसका पौधा बढ़ता है, वैसे ही इसके तने और जड़ों में सुगन्धित तेल का अंश भी बढ़ने लगता है.
इसकी लकड़ी का उपयोग मूर्तिकला, साज-सज्जा के सामान, सुगन्धित पदार्थ आदि बनाने में होता है. मुख्यतः चन्दन दो प्रकार का होता है- लाल और सफेद, दोनों का ही खूब प्रयोग किया जाता है.
चन्दन का धार्मिक महत्व क्या है?
– हिन्दू धर्म में चन्दन को अत्यंत पवित्र माना जाता है.
– पूजा के हर कार्य में चन्दन की लकड़ी, चन्दन का लेप और चन्दन के इत्र का प्रयोग किया जाता है.
– शिवलिंग का अभिषेक भी चन्दन से करने की परंपरा पाई जाती है.
– श्री हरि और उनके अवतारों के लिए सफेद चन्दन का लेपन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
– हालांकि देवी की उपासना में लाल चन्दन ज्यादा प्रयोग होता है.
– बौद्ध धर्म में चन्दन के प्रयोग से ध्यान करने की परंपरा बताई गई है.
– ज्योतिष में ग्रहों की समस्या के समाधान के लिए भी चन्दन का प्रयोग किया जाता है.
चन्दन का आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक प्रयोग क्या है?
– चन्दन से आयुर्वेद में तमाम तरह की औषधियां बनाई जाती हैं.
– चन्दन के चूर्ण को कुछ विशेष तरह के पदार्थों में मिलाकर आयुवृद्धि की औषधियां बनाई जाती हैं.
– ह्रदय रोग, त्वचा के रोग और मानसिक रोगों में चन्दन के तेलों का खूब प्रयोग होता है.
– सुगंध चिकित्सा और पंचकर्म में भी चन्दन का प्रयोग किया जाता है.
तिलक लगाने में चन्दन का किस तरह प्रयोग करें कि लाभ हो?
– चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिस लें.
– पहले अपने इष्ट को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं.
– फिर स्वयं को मस्तक, कंठ और नाभि पर तिलक करें.
– देवी की उपासना में लाल और अन्य में सफेद चन्दन का प्रयोग करें.
मानसिक शान्ति, एकाग्रता और मानसिक रोगों से रक्षा के लिए चन्दन का प्रयोग कैसे करें?
– चन्दन का असली इत्र ले लें.
– रोज प्रातः स्नान के बाद दोनों हाथों की कलाइयों पर लगाएं.
– ह्रदय के बीचों बीच भी लगाएं.
रोज पूजा के समय चन्दन की सुगंध वाली धूप बत्ती जलाएं.
अगर राहु-केतु परेशान कर रहे हों तो चन्दन के प्रयोग से कैसे लाभ होगा?
– चन्दन का एक छोटा सा टुकड़ा ले लें.
– इसे नीले कपडे में रखकर लाकेट की तरह बना लें.
– शनिवार की शाम को इसे लाल धागे में गले में धारण करें.