जम्मू में आज तड़के सीमा से लगी चौकियों और गांवों में पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से की गई भारी गोलाबारी में बीएसएफ के एक जवान और चार नागरिकों की मौत हो गई। जबकि 12 अन्य लोग घायल हुए हैं। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तीसरे दिन गोलाबारी और गोलीबारी हुई है। यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू कश्मीर के कल होने वाले आधिकारिक दौरे से एक दिन पहले हुई है।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के आरएस पुरा, बिश्नाह, अरनिया सेक्टरों में देर रात करीब एक बजे से मोर्टार दागना और गोलीबारी करना तेज कर दिया है। उन्होंने बताया कि सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने हमलों का जवाब दिया। अधिकारी ने बताया कि शहीद जवान की पहचान 192 बटालियन के 28 वर्षीय कांस्टेबल सीताराम उपाध्याय के तौर पर हुई है। वह जब्बोवाल सीमा चौकी पर रात करीब डेढ़ बजे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जम्मू के जीएमसी अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।
अधिकारी ने बताया कि वह झारखंड के गिरीडीह के रहने वाले थे और 2011 में बल में शामिल हुए थे। उपाध्याय के परिवार में तीन वर्षीय बेटा और एक वर्षीय बेटी है। अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ के सहायक उप-निरीक्षक पित्तल सीमा चौकी पर घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आरएस पुरा के एसडीपीओ साहिल पराशर ने बताया कि गोलाबारी ग्रस्त इलाकों से घायलों को निकालने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस बुलेटप्रूफ वाहनों का इस्तेमाल कर रही है। गोलाबारी के मद्देनजर प्रशासन ने आश्रय स्थलों को सक्रिय कर दिया है। बहरहाल, कठुआ और सांबा जिलों में गोलाबारी थम गई है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कल पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा 15 सीमा चौकियों पर गोलीबारी और गोला दागने की घटना में बीएसएफ के एक जवान सहित दो लोग घायल हो गए थे। सांबा सेक्टर में 15 मई को पाकिस्तानी सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने में घुसपैठियों की मदद करने के लिए संघर्ष विराम का उल्लंघन कर अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी की। इस घटना में बीएसएफ का 28 वर्षीय एक जवान शहीद हो गया था। सैनिकों ने 12 मई से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की चार कोशिशें नाकाम की हैं।