कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट शाम 4 बजे है. इससे पहले कई टेस्ट से गुजर चुकी बीजेपी को उम्मीद है कि वह इसमें भी पास हो जाएगी. बीएस येदियुरप्पा को उम्मीद है कि वह सदन में बहुमत साबित कर लेंगे जबकि कांग्रेस को भी इस बात का पूरा यकीन है कि बीजेपी की सरकार धाराशायी हो जाएगी और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. दोनों अपने यकीन पर कायम हैं. इस बीच कोर्ट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. जनता टकटकी लगाए तमाम टेस्ट नतीजों को देख रही है. इस कड़ी में अंतिम टेस्ट शाम 4 बजे होना है जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा. शाम 4 बजे वाले टेस्ट तक पहुंचने से पहले और किस किस टेस्ट से अभी तक गुजरी है बीजेपी, यहां पढ़ें…
चुनावी रण में घनघोर बयानबाजी और अरोप-प्रत्यारोप के बीच बीजेपी राज्य में हुए 222 विधानसभा सीटों में से 104 सीटों पर कब्जा जमाकर जनता की अदालत में सबसे बड़ी पार्टी साबित हुई. यह पहला टेस्ट था जिसने यह उम्मीद जगाई कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन सकती है. इस तरह जनता के टेस्ट में बीजेपी पास हुई.
कर्नाटक चुनाव में बड़ी पार्टी बनते ही बीजेपी की ओर से शपथ ग्रहण की घोषणा कर दी गई. बीएस येदियुरप्पा बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए. कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बीएस येदियुरपा भी गए. उन्होंने पत्र देकर राज्य में सरकार के गठन करने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध किया जिसे राज्यपाल वजुभाई वाला ने स्वीकार कर लिया. 16 मई की रात में ही बीजेपी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि 17 मई की सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री के रूप में बीएस येदियुरप्पा शपथ लेंगे. बीजेपी राज्यपाल टेस्ट में पास हुई और शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई.
कांग्रेस और जेडीएस शपथ ग्रहण को रोकने की अर्जी के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच रात में ही बैठी और इस मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई काफी दिलचस्प रही. अगर शपथ ग्रहण हो जाता है तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा. कोर्ट की ऐसी टिप्पणी और पक्ष-विपक्ष की दलीलों के बीच कोर्ट ने शपथ ग्रहण रोकने पर अपनी सहमति नहीं दी. यह तय हुआ कि शपथ ग्रहण होने दी जाए और अगली सुनवाई 18 मई की सुबह 10:30 बजे हो जिसमें कोर्ट के सामने वह पत्र भी रखी जाए जिसके आधार पर राज्यपाल ने बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. शपथ ग्रहण पर रोक की अपील को खारिज होने के साथ ही बीएस येदियुरप्पा शपथ लेने की बाधाओं को पार कर गए. कोर्ट का यह टेस्ट पास करना येदियुरप्पा की घोषणा को मजबूत कर दिया जिसकी घोषणा परिणाम आने से काफी पहले की गई थी- ‘मैं 17 मई को शपथ लूंगा’.
16 मई की रात को शपथ ग्रहण रोकने को लेकर रातभर कर्नाटक की सियासत पर चर्चा होती रही. फिर 18 मई की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 15 दिन में बहुमत साबित करने की बात को खारिज कर दिया. बीजेपी सात दिन में बहुमत साबित करने की मांग कर रही थी पर कोर्ट को वह भी मंजूर नहीं था. फिर शनिवार 19 मई की शाम 4 बजे सदन में बहुमत साबित करना तय हुआ. अब बात प्रोटेम स्पीकर की आई. इसके लिए एक उम्मीदवार बीजेपी से और एक कांग्रेस से थे जिनके नाम पर चर्चा हुई और बीजेपी नेता केजी बोपैया को राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. कांग्रेस ने इस पर संदेह जाहिर करते हुए कोर्ट के शरण में चली गई. सुनवाई हुई और कोर्ट ने इस मामले में एक व्यवस्था दी. वह व्यवस्था कांग्रेस को भी मंजूर था. तय हुआ कि सदन की कार्यवाही की लाइव टेलीकास्ट की जाएगी ताकि किसी प्रकार के पक्षपात की गुंजाइश न रहे. और इस प्रकार प्रोटेम स्पीकर के फ्रंट पर भी बीजेपी पास हुई.
104 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा 17 मई को कर्नाटक के 25वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं. प्रोटेम स्पीकर के पद पर बीजेपी नेता केजी बोपैया आसीन हो चुके हैं. रिसॉर्ट और होटल में ठहरे विधायक सदन में प्रवेश कर चुके हैं. जो दो खो गए थे वे विधायक होटल में मिले और उन्हें भी सदन में पहुंचा दिया गया है. सदन के सदस्य के रूप में नवनिर्वाचित विधायक शपथ ले रहे हैं. यह प्रक्रिया 4 बजे से पहले पूरी हो जाएगी और फिर इस बात की पुष्टि के लिए कि बीजेपी की सरकार बहुमत की सरकार है, फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू होगी. यह फाइनल टेस्ट होगा और इस टेस्ट से ही कर्नाटक में किसकी सरकार होगी यह तय होगा. क्या इस टेस्ट में बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार पास हो जाएगी… यह देखना दिलचस्प होगा.