मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि धर्मशाला शहर के लिए 2100 करोड़ रुपये की इस विशाल परियोजना से न केवल शहर का कायाकल्प होगा बल्कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भी विश्व स्तरीय मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के लिए स्रोत और संयंत्र में वृद्धि तथा स्वचालन प्रक्रिया को 29.73 करोड़ रुपये व्यय कर पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि ई-नगरपालिका पर कार्य जारी है जिसके अंतर्गत जनता को डिजिटलाईज्ड सार्वजनिक सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के अधिकारियों को वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए बेहतर समन्वय एवं सहयोग के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निष्पादन एजेंसियों को निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करना चाहिए ताकि उद्देश्यों को पूर्ण किया जा सके तथा आगामी लक्ष्यों को इसके अनुरूप निर्धारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में चार स्थानों पर 228 सीसीटीवी कैमरे व पर्यावणीय सेंसर तथा 10 स्थानों पर ध्वनि विस्तार सेवा उपकरण लगाए जाएंगे।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत स्थल निर्धारित कर स्मार्ट सड़कों, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटों, यूटिलिटी नालियां तथा फुटपाथ सुविधा विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीन किलोमीटर सड़क के नमूने की व्यवहारिकता रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के 33 स्थानों में स्मार्ट कियोस्क स्थापित किए जाएंगे तथा 22 स्थानों पर एकीकृत ऑनलाइन पार्किंग प्रणाली की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि 78 बस ठहराव स्थलों पर यात्री सूचना प्रणाली की सुविधा प्रदान की जाएगी।
शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि परियोजना 20 सितम्बर, 2020 तक पूर्ण कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विशाल परियोजना को समय पर पूर्ण करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
स्मार्ट सिटी मिशन धर्मशाला के प्रबन्ध निदेशक संदीप कदम ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा परियोजना पर प्रस्तुति दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण कपूर, आईएलएफ कंसल्टिंग इंजीनियर व अलमंडज़ ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंट लिमिटेड के प्रतिनिधि बी.के. सिंह, एस. सिंह तथा दिनेश गोयल, स्मार्ट सिटी के कार्यकारी अभियन्ता विजय चौधरी भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।