मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां राज्य लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सड़क तथा पुल परियोजनाओं का निर्माण समयबद्ध पूरा करने के लिए इस संबंध में कार्य आवंटन तक की सभी औपचारिकताओं को 51 दिनों के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के आवंटन की प्रक्रिया में गति लाने के लिए ई-टेंडरिंग को सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल परियोजनाओं के आवंटन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि कार्यों को अवार्ड करने की प्रक्रिया भी तेज होगी।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि वन विभाग से शीघ्र स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए लोक निर्माण, राजस्व तथा वन विभाग के मध्य उपयुक्त समन्वय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सक्रिय सोच तथा व्यक्तिगत रूचि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रायः देखा गया है कि विभिन्न सड़क तथा पुल परियोजाओं का निर्माण कार्य शुरू करने में वन स्वीकृतियों में देरी एक मुख्य बाधा है। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र वन स्वीकृतियां प्राप्त करने के संबंध में मामला केन्द्र सरकार से उठाएगी ताकि शेष बस्तियों तथा गांवों को सम्पर्क सड़कों से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर नाबार्ड, केन्द्रीय सड़क निधि इत्यादि के अंतर्गत निर्मित किए जाने वाले सड़कों तथा पुलों की नियमित निगरानी तथा निरीक्षण सुनिश्चित बनाए जाने चाहिए ताकि कार्यों में गुणात्मकता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए गुणवत्ता के मापदण्ड तय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दोषियों की जिम्मेदारी निश्चित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के उद्देश्य से सिविल तथा इलैक्ट्रिक दोनों कार्य साथ-साथ किए जाने चाहिए, इससे न केवल लागत में कमी आएगी बल्कि समय की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 600 नई वाहन योग्य सड़कों के निर्माण, 750 किलोमीटर लम्बी सड़कों में क्रॉस जल निकासी की सुविधा प्रदान करने, 1100 किलोमीटर सड़कों की मेटलिंग एवं टारिंग, 35 पुलों का निर्माण तथा 40 गांवों को सड़क सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए, क्योंकि देश के गांवों को सड़क सुविधा सुनिश्चित बनाने की यह सोच पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 600 करोड़ रुपये लागत की 2400 किलोमीटर लम्बी 414 सड़क परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के पूरा होने पर 150 बस्तियां सड़क से जुड़ जाएंगी। इसी प्रकार ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ)-नाबार्ड के अन्तर्गत 209 कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें शिमला अंचल में 77 कार्य, मण्डी अंचल में 20, कांगड़ा अंचल में 70 तथा हमीरपुर अंचल में चार कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों के निर्माण के दौरान ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित करने को कहा ताकि सड़क दुर्घटनाओं की सम्भावना को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 90 ब्लैक स्पॉट्स में से 58 को दुरुस्त कर दिया गया है तथा शेष ब्लैक स्पॉट्स पर कार्य जारी है।
उन्होंने कहा कि 4312 किलोमीटर के कुल 69 नए राष्ट्रीय राजमार्गों में से 53 राष्ट्रीय राजमार्गों के संबंध में स्वीकृति पत्र जारी किए जा चुके हैं तथा पांच राष्ट्रीय राजमार्गों के संबंध में निविदा आधारित प्राकलन केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजे गए हैं।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सड़कों की देखभाल तथा मुरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अतिरिक्त सड़कों पर जल निकासी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की गई है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को सीमित कार्यकाल के दृष्टिगत सड़कों की मेटलिंग तथा टारिंग कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि पहाड़ी प्रदेश होने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश में सड़कें परिवहन का मुख्य साधन है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के 34394 अधिकारी व कर्मचारी प्रदेश में लोगों को सर्वश्रेष्ठ सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें नई तकनीक, नई पहलों तथा नए जोश के साथ स्वयं में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भवनों तथा पुलों को और अधिक सुरक्षित एवं उपभोक्ता मित्र बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण की गुणवत्ता को सुनिश्चित बनाने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम से विश्राम गृहों में कार्यरत कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का आग्रह किया ताकि वे पेशेवर सेवाएं प्रदान कर सके।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता आर.पी. वर्मा ने इस अवसर पर विस्तृत पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज 35638 किलोमीटर सड़कें प्रदेश के दूरवर्ती क्षेत्रों तक लोगों को सड़क सुविधा प्रदान कर रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता, अधिषाशी अभियन्ताओं सहित लोक निर्माण व सम्बद्ध विभागों के अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।