Home Una Special यह हैं हिमाचल की लेडी सिंघम…

यह हैं हिमाचल की लेडी सिंघम…

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देवभूमि हिमालच को नशामुक्त और अपराधमुक्त बनाने के लिए चार तेज-तर्रार युवा महिला आईपीएस अधिकारी माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई हैं. हिमालच के चार जिलों में एसपी के रूप में कमान संभालने वाली इन पुलिस अधिकारियों से अपराधी खौफ खा रहे हैं. ऐसे में सरकार से लेकर आम लोगों के बीच यह महिला अधिकारी अपने कामों को लेकर आजकल सुर्खियां बटोर रही हैं.

कुल्लू जिले की एसपी शालिनी अग्निहोत्री अपने जिले को अपराधियों से और नशे के कारोबारियों से बचाने के अभियान छेड़ी हुई हैं. जिसका नतीजा है कि अपराध करने वाले इस जिले के छोड़कर भाग रहे हैं. हिमाच जिला ऊना जिले के ठट्ठल गांव की रहने वाली शालिनी अग्निहोत्री ने अपनी मेहतन के बदौलत ही इस मुकात पर पहुंची हैं.

शालिनी अग्निहोत्री के पिता रमेश अग्निहोत्री एक बस कंडक्टर थे. डीएवी स्कूल धर्मशाला से अपनी स्कूलिंग और हिमालच प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर से से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करने वाली शालिनी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विस परीक्षा में 285 रैंक लाकर आईपीएस बनने में सफल रही. बतौर एसपी शालिनी ने कुल्लू में ट्रैफिक जाम की समस्या को निपटाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

हिमाचल के किन्नौर जिले में तैनात एसपी साक्षी वर्मा का तालुक्क पंजाब के राजपूरा से है. 2014 बैच की यह आईपीएस अपने दबंग अंदाज के लिए मशहूर है. नशा कारोबारियों के लिए एसपी साक्षी किसी भयानक सपने से कम नहीं है. किन्नौर से पहले साक्षी वर्मा शिमला में बतौर एसएसपी पोस्टेड थीं. वहीं भी उन्होंने नशा माफिया के नाक पर दम कर रखा था. किन्नौर में तेजतर्रार एसपी का मेन फोकस नशा माफिया पर रोक लगाना और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है. साक्षी वर्मा नशे के कारोबारियों में खौफ का नाम है.

किन्नौर से पहले साक्षी वर्मा शिमला में बतौर एसएसपी पोस्टेड थीं. यहां उन्होंने नशे की तस्करी का कारोबार करने वाले माफियाओं की नाक में दम कर दिया था. फरवरी 2017 में इन्होंने शिमला के उपनगर संजौली में दबिश देकर ब्राउन शुगर सप्लायर को रंगे हाथों गाड़ी समेत धर दबोचा था.

मूल रूप से कांगड़ा की रहने वाली एसपी बद्दी की एसपी रानी बिंदु सचदेवा से भी अपराधी खौफ खाते हैं. रानी का जन्म पालमपुर में 1969 में उषा सचदेवा व महेंद्र प्रताप सचदेवा के घर हुआ. रानी बिंदु सचदेवा के पिता महेंद्र प्रताप सचदेवा हिमाचल प्रदेश के आईपीएच विभाग से इंजीनियर-इन-चीफ के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं. उनकी माता गृहिणी हैं.

पिता सरकारी नौकरी में रहे, ऐसे में इनकी शिक्षा जगह-जगह हुई. दसवीं सोलन से उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने सेंट बीड्स कालेज शिमला से स्नातक की डिग्री हासिल की. बद्दी में अपना कार्यभार संभालने के बाद रानी बिंदु ने खनन माफियाओं और नशा माफियाओं के खिलाफ चुनौतीपूर्ण लड़ाई लड़कर जिले को अपराध मुक्त बनाने में लगातार काम कर रही हैं.

जिला चंबा में पहली बार एक महिला एसपी के पद पर डॉ. मोनिका अपनी सेवाएं दे रही हैं. 2014 बैच की आइपीएस अधिकारी डॉ. मोनिका ने बतौर एसपी चंबा का कार्यभार इसी साल फरवरी में संभाला है. डॉ. मोनिका लाहुल-स्पीति के जालमा गांव से संबंध रखती हैं और वह अपने जिले की पहली महिला आइपीएस हैं. डॉ. मोनिका के पिता सेवानिवृत्त अधिकारी है. उन्होंने एमबीबीएस भी की है. चंबा जिले में नशे के कारोबार को मिटाने के लिए पहले दिन से ही इन्होंने योजना बनाकार काम किया. चंबा जिले में चरस तस्करी पर रोक लगाकर मोनिका ने नशा कारोबारियों की कमर तोड़ दी है.

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