Home हिमाचल प्रदेश भारत सरकार को भेजी 4751 करोड़ की जल संग्रहण परियोजना..

भारत सरकार को भेजी 4751 करोड़ की जल संग्रहण परियोजना..

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मुख्यमंत्री के आईपीएच को उपयुक्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश
ऽ जल शिकायतों के लिए किया गया टॉल फ्री नम्बर स्थापित
राज्य सरकार ने प्रदेश में वर्षा जल संग्रहण के लिए भारत सरकार से निधीकरण के लिए 4751 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की है। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां वर्षा जल नीचे की ओर बह जाता है और इसका उपयोग नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावी जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संग्रहण ढ़ांचों का निर्माण कर पानी की बर्बादी को रोकने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि संरक्षित किए गए जल को अभाव के दिनों में सिंचाई अथवा अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए 1421 जलापूर्ति योजनाओं के पुनः निर्माण तथा इनके संवर्द्धन के लिए 798 करोड़ रुपये का एक अन्य प्रस्ताव निधीकरण के लिए केन्द्र को भेजा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सूखे जैसी स्थिति के कारण विभाग को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी है कि लोगों को पानी की किसी प्रकार की कमी न हो। उन्होंने कहा कि पाईप लाईनों में रिसाव को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन सीजन चरम पर है और राज्य में आने वाले सैलानियों तथा लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लम्बे सूखे के कारण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही समुचित प्रबन्ध किए जाने चाहिए।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सर्दियों के दौरान राज्य में न के बराबर बर्फबारी हुई, जिससे जल स्त्रोतों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि जल की कमी वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक प्रबन्ध करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त क्षेत्रों में हैंडपम्पों की स्थापना करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकर्ज़ की सेवाएं ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जलापूर्ति योजनाओं की नियमित निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पम्पिंग स्टेशनों में पम्प तथा अन्य उपकरणों का उपयुक्त रखरखाव किया जाना चाहिए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से अधिक से अधिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया ताकि उन्हें बाह्य वित्त पोषण के लिए भेजा जा सके।
उन्होंने कहा कि उन परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो पूरी होने के कगार पर है ताकि लोग इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि विभाग में दक्षता लाने के लिए तकनीकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जल संरक्षण के माध्यम से किसानों की आय को दोगुणा करने पर बल दे रही है तथा राज्य सरकार निर्धारित समयावधि के भीतर इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गत वित्त वर्ष के दौरान खरीदी गई 20056 मीट्रिक टन पाईपों के मुकाबले वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 21502 मीट्रिक टन पाईपों की खरीद की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति के संबंध में किसी भी शिकायत के लिए विभाग में टॉल फ्री नम्बर 18001808009 स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए मोबाइल ऐप तथा जियो टेगिंग को भी विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परियोजनाओं का स्तरोन्नयन किया जाना चाहिए तथा गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी के न्यायसंगत उपयोग के बारे जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रभावी वर्षा जल संग्रहण के लिए तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल जल का संरक्षण सुनिश्चित होगा, बल्कि सूखे के दौरान उपयोग के लिए पानी की बचत भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल भंडारण टैंकों की सफाई के लिए तंत्र विकसित किया गया है तथा वर्ष में दो बार इन टैंकों की सफाई की जानी चाहिए।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में पानी के टैंकों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में राज्य में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पाईप लाईनों को बदलने के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में लम्बे समय से सूखे जैसी स्थिति के बावजूद सरकार सुनिश्चित कर रही है कि लोगों को पानी की कोई कमी न हो।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया।
विधायक प्रकाश राणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, प्रमुख अभियन्ता सुमन विक्रान्त व के.आर. धीमान तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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