ऊना।: नशा एक सामाजिक बुराई है और आज का युवा वर्ग बहुत तेज़ी से इसकी चपेट में आ रहा है।इसके कई कारण हो सकते हैं मगर इसका प्रमुख कारण ऊर्जा का सही इस्तेमाल ना करने की दिशा में सही मार्गदर्शन का ना होना है।
यह बात ज़िला परिषद सदस्य लखबीर लक्खी, सुमित शर्मा,बलराम बबलु,राहुल देव शर्मा,राजीव कालिया,राज कुमार पठानिया, राहुल शर्मा,डिंपल ठाकुर,गोलडी चौहान व राहुल ठाकुर ने संयुक्त बयान में कही।उन्होंने कहा कि आज भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है,सवा सौ करोड़ का देश, 35 से कम उम्र के 65 प्रतिशत की युवा आबादी वाले हमारे देश में असीम सम्भावनाएँ हैं,ज़रूरत बस इतनी भर है कि इन युवाओं की ऊर्जा का सही इस्तेमाल हो सके।उन्होंने कहा कि भारत में लम्बें समय तक लोगों के मन में की धारणा थी कि खेलना सिर्फ़ ख़ाली लोगों का काम है अच्छे करियर के लिए तो ऊँची डिग्रियाँ ही काम आती हैं।
लेकिन पिछले कुछ दशकों में देश विदेश में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता ने ये मिथक तोड़ने का काम किया है।इससे खेल के प्रति पारिवारिक वातावरण भी सकारात्मक होने लगा हैं।उन्होंने कहा कि आज के माहौल में युवाओं को नशे से बचाने और उन्हें करियर में आगे बढ़ाने के लिए खेल एक सशक्त माध्यम बन कर सामने आया है।शायद यही कारण है कि बदलते वक़्त के साथ इस बदलते माहौल की नब्ज़ टटोलकर कर हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर लगातार किसी ना किसी खेल आयोजन के माध्यम से युवाओं को खेलों में लगाकर कर उन्हें नशे से दूर और आगे बढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हुए हिमाचल प्रदेश स्टेट ओलम्पिक गेम्स की अपार सफलता के बाद इस वर्ष अनुराग ठाकुर ने खेल महाकुम्भ के माध्यम से युवाओं के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है।उन्होने कहा कि अनुराग ठाकुर का मानना है कि जीवन में नशे से दूर रहकर किसी न किसी खेल को अवश्य अपनाएं तो उनकी ऊर्जा का बेहतर प्रयोग हो सकता है क्योंकि अगर युवा पीढ़ी खेलों की ओर आकर्षित होगी तो उससे जहां उनका शरीर मजबूत बनेगा ।
वहीं उनका मस्तिष्क भी तेज होगा तथा आपसी भाईचारा एवं सौहार्द फैलेगा।उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को ऐसे आयोजनों से एक प्लेटफॉर्म मिलेगा जिस से वो अच्छा प्रदर्शन कर आगे बढ़ने का मौक़ा पा सकते हैं और अपनी प्रतिभा के दम पर देश और दुनिया में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं।