हिमाचल में जापानी बुखार का पहला मामला सामने आया है। हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के धर्मपुर से दिमागी बुखार से पीडि़त एक बच्चे की रिपोर्ट में इस बुखार का खुलासा हुआ है। पुणे से रिपोर्ट आ गई है। हड़कंप मचने के बाद अस्पताल में दाखिल दो और बच्चों के सैंपल भी पुणे भेज दिए गए हैं।
आईजीएमसी में सोलन जिले के धर्मपुर इलाके से एक साथ दिमागी बुखार से पीडि़त आधा दर्जन बच्चे पहुंचे थे। गंभीर हालात को देखते हुए एक बच्चे को आईसीयू में भर्ती किया गया था। इस बच्चे के ब्लड सैंपल पुणे भेजे गए। अब रिपोर्ट आई है।
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज ने रिपोर्ट के आने की पुष्टि की है। इधर, पुणे से भेजी गई रिपोर्ट में इस वायरस का जिक्र किया गया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इससे अभी सहमत नहीं है। महकमे का तर्क है कि दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आती है तो यह हिमाचल का पहला केस हो सकता है।पुणे से आई रिपोर्ट में जापानी एनसेफेलिटिस का नाम लिखा गया है। आशंका है कि यह रोग हो सकता है, लेकिन अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए दोबारा से सैंपल भेजे गए हैं। – डॉ. बलदेव ठाकुर, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली की टीम को हिमाचल बुलाया है। इसमें ऐपेडेमिक इंटेलीजेंस सर्विस ऑफिसर होंगे। जो क्षेत्र में जाकर बच्चों में वायरस के होने की जानकारी एकत्र करेंगे। मच्छरों के काटने से बचें। दिमागी बुखार हो तो तुरंत अस्पताल आए। जापानी एनसेफेलिटिस नामक विषाणु से बच्चों को बुखार आता है। इसके कारण बच्चों को सिरदर्द, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, मिचली आना, सुस्ती, कमजोरी के अलावा उल्टी आती है।