ऊना। दिन रविवार, 10 बजे का समय, ऊना विश्राम गृह में लोगों की काफी चहल-पहल थी। लोग अपनी फरियादें और शिकायतें लिखित रूप में हाथों में लिए यहां-वहां घूम रहे थे। विश्राम गृह के एक छोर पर एक पंडाल सजा था जहां लोगों की समस्याएं सुनने के लिए जन मंच कार्यक्रम का आयोजन होना था। पंडाल के अंदर बने मंच पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, प्रदेशाध्यक्ष भाजपा सतपाल सत्ती, सांसद अनुराग ठाकुर, डीसी राकेश कुमार प्रजापति और एसपी दिवाकर शर्मा भी अपने-अपने अमलों के साथ मौजूद रहे।
मंच के दाहिनी ओर बने एक अन्य पंडाल में अधिकारियों और कर्मचारियों को भी लोगों की शिकायतों को सुनने और उन पर कार्रवाई के लिए लगाया गया था। करीब एक घंटे तक चले शुभारंभ समारोह में स्वास्थ्य मंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और लोकसभा सांसद ने लोगों को संबोधित किया। इसके बाद करीब 11:08 मिनट पर लोगों की शिकायतें सुनने का क्रम शुरू हुआ। इसमें सबसे पहले लोनिवि से संबंधित शिकायतों को सुना। इनमें अधिकतर शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों में बनी सड़कों के कारण गंदे पानी की निकासी रुकने की थीं।
रामपुर स्थित गैस गोदाम के पास सड़क ऊंची होने के कारण पानी की निकासी न होने से लोग काफी परेशान दिखे। रामपुर से दो बुजुर्ग ने मंत्री को सत्ती की मौजूदगी में समस्या बताई। मंत्री ने जब अधिकारियों से जवाब मांगा तो बुजुर्ग ने बीच में टोका और सत्ती की तरफ इशारा कर बोल पड़े, जनाब ऐह, एमएलए साहब नू सारी गल्ल पता है। स्वास्थ्य मंत्री और सभी लोगों ने सत्ती की तरफ देखा। सत्ती ने समस्या हल करने का भरोसा दिलाते हुए बुजुर्ग को पंडाल में बैठने का इशारा किया। इसी तरह पानी की समस्या और अन्य कई तरह की समस्याएं भी चलती रहीं।
करीब 12 बजे मंच पर बुजुर्गों का एक टोला आया। उनके हाथों में शिकायत पत्र था। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई हिम आंचल पेंशनर्स संघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश भारद्वाज कर रहे थे। उन्होंने मंत्री को शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा कि मंत्री जी, शिक्षा विभाग के अधिकारी मेडिकल बिल पास करने के लिए दवाओं के रैपर मांगते हैं। अस्सी-अस्सी साल के लोग किस-किस दवा का रैपर संभालेंगे। पूरे प्रदेश में केवल ऊना में इस नीति को अपनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अलावा कोई भी विभाग अपने पेंशनरों के मेडिकल बिल पास करने को दवाओं के रैपर नहीं मांग रहा है।
बुजुर्गों की बात सुनते ही मंत्री ने शिक्षा विभाग के दोनों अधिकारियों को तलब किया। बुजुर्गों ने मंत्री के सामने ही दोनों अधिकारियों पर यहां तक आरोप जड़ डाला कि इनके कार्यालयों में इनकी कोई नहीं सुनता। अनुभाग अधिकारी ही वहां कर्ता-धर्ता बने बैठे हैं। बुजुर्गों को दवाओं के रैपर के लिए तंग कर रहे हैं। पांच हजार से अधिक के मेडिकल के लिए रैपर मांगे जाते हैं जबकि यहां कई ऐसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं जिन्हें लाखों की दवाएं खरीदनी और खानी पड़ रही हैं। मंत्री ने फौरन अधिकारियों को मामले की पड़ताल कर रिपोर्ट करने की हिदायत दी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती और चिंतपूर्णी के विधायक बलवीर चौधरी ने इस पर आपत्ति जताते हुए बुजुर्गों का पक्ष लिया।
प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष राज कुमार शर्मा, शांति स्वरूप, ओमराज कंवर, देसराज मैहता, राम सिंह धीमान, लेखराज शर्मा, बलदेव सिंह, त्रिलोचन सैणी, एसपी शर्मा भी मौजूद रहे। शिकायतें सुनने का सिलसिला दोपहर दो बजे तक चला। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने करीब 300 शिकायतें सुनीं।