हिमाचल में भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने नई शर्त लगा दी है।हिमाचल में अब ऊर्जा संरक्षण भवन नियम पूरा करने वालों के ही नक्शे पास हो सकेंगे। जयराम सरकार ने प्रदेश ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता-2018 तथा हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संरक्षण भवन नियम 2018 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया।बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के भवनों के निर्माण और ऊर्जा कुशल डिजाइन और निर्माण के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने वालों को ही भवन निर्माण की मंजूरी देने का फैसला लिया गया।
यह संहिता 750 वर्ग मीटर या इससे अधिक के क्षेत्र में निर्मित भवनों या भवन परिसरों पर लागू होगी और इसे व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। निजी आवासीय भवन संहिता के दायरे में नहीं आएंगे।जानकारी के मुताबिक 100 किलोवाट व उससे अधिक बिजली खपत करने वाले संस्थानों को ऊर्जा संरक्षण भवन नियम अपनाना होगा। ऊर्जा संरक्षण के अनुसार अधिक बिजली खपत वाले संस्थानों को अपने यहां सौर ऊर्जा के संसाधन अपनाने होंगे।अन्यथा उन भवनों का नक्शा पास नहीं होगा।
नगर निकाय ऐसे भवनों को अक्षय ऊर्जा विभाग की ओर से एनओसी जारी करने पर ही नक्शे पास करेगी। ऊर्जा संरक्षण नियम में ऊर्जा संरक्षण भवन नियम उन सभी व्यावसायिक समूहों शापिंग मॉल, व्यवसायिक भवनों, होटल, रेस्तरां, समारोह स्थान, सिनेमाघर, सभागार, क्लब, गोष्ठी केंद्र, कार्यालय भवन, बैंक और अस्पताल जैसे भवनों में लागू किया जाना अनिवार्य
होगा, जिनकी बिजली खपत 100 किलोवाट या उससे अधिक है। ऊर्जा संरक्षण भवन नियम के तहत निर्मित भवनों में ऐसी तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा, जिससे कम से कम ऊर्जा की खपत हो। कैबिनेट ने राज्य विद्युत बोर्ड सीमित की उधार सीमा को 5000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7000 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया।