हिमाचल में अब आरोपियों का झूठ पकड़ने के लिए दिल्ली के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी जुन्गा में लाई डिटेक्टर मशीन स्थापित हो चुकी है।
मशीन ने इसी सप्ताह से काम करना शुरू किया है। कांगड़ा जिले के एक आपराधिक केस में पहला लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ है। नॉर्थ जोन फोरेंसिक लैब धर्मशाला के सहायक निदेशक डॉ. एसके पॉल ने बताया कि झूठ पकड़ने वाली इस मशीन के स्थापित होने से अब आरोपियों को सीबीआई की दिल्ली स्थित
लैब में ले जाने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे खर्च घटेगा और आरोपियों पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ेगा। उधर, स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी जुन्गा के निदेशक अरुण शर्मा ने बताया कि मशीन ने इसी सप्ताह से काम करना शुरू किया है। अब प्रदेश पुलिस को मामलों को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी।