Home फिल्म जगत कुल कितनी तरह के सर्टिफिकेट देता है सेंसर बोर्ड, क्या है फर्क?….

कुल कितनी तरह के सर्टिफिकेट देता है सेंसर बोर्ड, क्या है फर्क?….

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हाल में रिलीज हुई फिल्म “वीरे दी वेडिंग” सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट की वजह से भी सुर्खियों में थी. बॉलीवुड में किसी भी फिल्म की रिलीज से पहले अक्सर इसे मिलने वाले सर्टिफिकेट से जुड़ी खबरें आती हैं. लेकिन यह सर्टिफिकेट होता क्या है? क्यों दिया जाता है? कौन प्रदान करता है और यह कितने प्रकार का होता है? आइए इस बारे में जानते हैं.

क्या है सेंसर का सर्टिफिकेट?

CBFC यानि “सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन” किसी फिल्म में दिखाए गए कंटेंट के आधार पर भारत में फिल्मों को रिलीज के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करता है. इसका मतलब है कि फिल्म सर्टिफिकेट के मुताबिक तय किए गए दर्शक वर्ग को दिखाए जाने के लायक है. बोर्ड के कुल 9 कार्यालय हैं जो – नई दिल्ली, मुंबई, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, कटक, कोलकाता और गुवाहाटी में स्थित हैं.

कितनी तरह के होते हैं सर्टिफिकेट?

U सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट ऐसी फिल्मों को दिया जाता है जो हर प्रकार की ऑडियंस को दिखाए जाने के लिए ठीक हैं. ऐसी फिल्मों का प्रसारण/स्क्रीनिंग हर प्रकार के दर्शक वर्गों के लिए किया जा सकता है.

U/A सर्टिफिकेट: इस सर्टिफिकेट वाली फिल्में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता के साथ दिखाया जा सकता है.

A सर्टिफिकेट: इस तरह की फिल्में सिर्फ वयस्कों को दिखाई जा सकती हैं. आमतौर पर बोल्ड सीन्स या एडल्ट कॉमेडी वाली फिल्मों को इस तरह के सर्टिफिकेट दिए जाते हैं.

S सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट स्पेशल ऑडियंस के लिए दिया जाता है. यानि यदि किसी फिल्म को सिर्फ डॉक्टर्स या सेना के जवानों को दिखाया जा सकता है तो उसे यह सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

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