विद्यार्थी लक्ष्य तय कर रोडमेप बनायें, सफलता अवश्य मिलेगी हर जिले में खुलेगा कैरियर मार्गदर्शन केन्द्र
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के हर प्रश्न का दिया समाधानकारक जवाब
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिये लेपटॉप दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां ‘मुख्यमंत्री कैरियर काउंसलिंग पहल – हम छू लेंगे आसमाँ’ के दूसरे चरण के काउंसिलिंग सत्र को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभागों के संयुक्त तत्वावधान में 70 प्रतिशत से कम नंबर लाने वाले विदयार्थियों को कैरियर मार्गदर्शन देने के लिए यह विशेष आयोजन किया गया। सभी जिलों में विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के संदेश को दूरदर्शन और आकाशवाणी के लाइव प्रसारण के माध्यम से सुना और आकाशवाणी के फोन इन कार्यक्रम के माध्यम से कैरियर संबंधी सवाल भी पूछे। मुख्यमंत्री ने संवेदनशील अभिभावक के रूप में विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में उत्कृष्ट विद्यालय में कैरियर काउंसलिंग केन्द्र प्रारंभ किया जायेगा। काउंसलिंग सत्र समाप्त होने के बाद भी किसी बच्चे को जरूरत हो, तो वह उन केन्द्रों में जाकर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम अंकों से घबराने और निराश होने की जरूरत नहीं है। कैरियर के कई रास्ते खुले है। कौशल और संपन्न मानव संसाधन की हर क्षेत्र में जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे अपने माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों का सम्मान करें। जो विषय पढ़ने में मन लगे, आनंद मिले, उसमें आगे बढें। जो कैरियर मन के करीब हो, उसे चुनें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले लक्ष्य तय करें। फिर एक साफ-सुथरा रोडमेप बनायें और पूरी मेहनत से रोडमेप पर चलते रहें। सफलता अवश्य मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने गुरूदेव रविंद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, महाकवि कालिदास, तुलसीदास, स्वामी विवेकानंद, जॉर्ज वाशिंगटन जैसे महान व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए बताया कि परीक्षा में कम नंबर आने के बावजूद उन्होने अपने जीवन में महान कार्य किए हैं। उनके कार्यों को दुनिया याद करती है। ये हस्तियाँ कई पीढि़यों के लिये के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
श्री चौहान ने कहा कि सफलता के लिए कुछ कर गुजरने की तड़प होना जरूरी है। उन्होने कहा कि 10वीं और 12वीं पास होने वाले बच्चों के लिए विषय चुनना और आगे बढ़ने के लिए कैरियर चुनना कठिन काम होता है। उन्हें अच्छे मार्गदर्शन की जरूरत होती है। इसलिये कैरियर मार्गदर्शन की व्यवस्था की गई है। हर जिले और ब्लाक स्तर पर कैरियर मार्गदर्शन उपलब्ध है। उन्होने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि कैरियर मार्गदर्शकों के पास जाएँ, उनसे चर्चा करें, उन्हें अपनी रूचि बताएं। साथ ही भविष्य के लिये मार्गदर्शन प्राप्त करें और फिर अपना रास्ता तय करें।
प्रतिभाशाली गरीब विद्यार्थियों की फीस भरेगी सरकार
श्री चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के अंतर्गत ऐसे सभी बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस भरने का पूरी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसों की कमी और असुविधाओं को बाधा नहीं बनने देंगे। हर बच्चे के लिए आसमान खुला है। भगवान ने सब बच्चों को एक समान बुद्धि दी है। बच्चों को अपनी बुद्धि का सही समय पर बेहतर से बेहतर उपयोग करना सीखना है। हर विद्यार्थी को आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में आने वाले नंबर जरूरी हैं लेकिन सिर्फ नंबर ही सब कुछ नहीं है। अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी भी कई बार शून्य पर आउट होता है। कोई किसी से कम नहीं। हर विदयार्थी अनोखा है। विद्यार्थी को जीतने के लिए आगे बढ़ना। हर विद्यार्थी मध्यप्रदेश का भविष्य है। उन्हें संभालने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। सरकार की मंशा है कि वे रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें।
सेना में जाने के लिये मार्गदर्शन देने की होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के बच्चों के कैरियर संबंधी सवालों के फोन-इन कार्यक्रम के माध्यम से जवाब दिए। सेना में भर्ती होने और सेना में नौकरी करने के लिए उचित मार्गदर्शन मांगने से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सेना में जाने के इच्छुक बच्चों की आवश्यक तैयारी और मार्गदर्शन के लिए जल्दी ही संस्थान की व्यवस्था की जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि आवश्यकतानुसार कृषि महाविद्यालय खोले जाएंगे। पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में कैरियर बनाने से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई और खेल में समन्वय रखना जरूरी है। खेलों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को विशेष सुविधाएं दी गई हैं। उन्हें सरकारी नौकरियों में भी अवसर दिए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री सुधीर रंजन मोहंती ने कैरियर काउंसलिंग पहल के संबंध में कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर इसकी शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत से ऊपर अंक लाने वालों की काउंसलिंग पहले चरण में 21 मई से 31 मई तक हो चुकी है। इसमें एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने भाग लिया और मार्गदर्शन प्राप्त किया। आठ जून से 15 जून तक काउंसलिंग का द्वितीय चरण आयोजित किया गया है। इसके लिए 1850 कैरियर मार्गदर्शक विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। इस मौके पर संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी मौजूद थे।