प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के किंगदाओ के लिए रवाना हो गए. वह सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद भारत पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है. भारत जून 2017 में पाकिस्तान के साथ इस संगठन का पूर्ण सदस्य बना था . एससीओ एक यूरेशियाई अंतर सरकारी संगठन है,
जिसके गठन का ऐलान 2001 में शंघाई में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने किया था. मोदी के रवाना होने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘एससीओ राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग पर केंद्रित है और भारत को मध्य एशियाई देशों के साथ जुड़ने में सक्षम बनाता है’.
- पीएम मोदी किंगदाओ दोपहर बाद 1.20 बजे पहुंचेंगे. किंगदाओ में शनिवार अपराह्न पहुंचने के बाद मोदी के शी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी उम्मीद है. जहां व्यापार, निवेश समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
- प्रधानमंत्री मोदी की इस साल चीन की यह दूसरी यात्रा है. 6 सप्ताह पहले पीएम मोदी शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक मीटिंग के लिए चीन के वुहान शहर पहुंचे थे. जहां दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूती प्रदान करने के लिए चर्चा हुई थी.
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 8 सदस्य देश, 4 पर्यवेक्षक देश और तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जिसमें आतंकवाद, चरमपंथ समेत तमाम मामलों से निपटने पर चर्चा होगी. साथ ही तमाम अन्य मुद्दों पर भी मंथन होगा.
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान शामिल हैं. अफगानिस्तान, इरान, मंगोलिया और बेलारूस पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) हैं.
- 8 देशों के साथ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) दुनिया की करीब 42 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही दुनिया की कुल जीडीपी में इन देशों का योगदान 20 फीसद के आसपास है.वहीं इन देशों के पास दुनिया के कुल भू-भाग का 22 फीसद हिस्सा है.
- भारत पिछले साल ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना था. पिछले साल कजाकिस्तान में हुए अस्टाना सम्मेलन में भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को पूर्ण सदस्य बनाया गया था. उसके बाद से यह पहला सम्मेलन है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों के नेताओं के साथ करीब 6 द्विपक्षीय बैठक करेंगे. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि पीएम मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बीच बातचीत होगी या नहीं.
- भारत तमाम फोरम पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाता रहा है. ताकि इस्लामाबाद पर पाकिस्तान और पीओके से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठनों के खात्मे के लिए दबाव बनाया जा सके. ऐसे में इस सम्मेलन में भी आतंकवाद का मसला उठने की संभावना है.
- इस बार सम्मेलन में भारत द्वारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के महत्व पर जोर देने की संभावना है. भारत इरान में चाबहार पोर्ट जैसे प्रोजेक्ट का शुरू से ही समर्थन करता रहा है. ताकि मध्य एशियाई देशों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके और संसाधनों का लाभ मिल सके.
- SCO सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई को लेकर उत्साहित है. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्षों में भारत के SCO का सदस्य बनने के बाद से इसके अन्य सदस्य देशों के साथ रिश्तों में प्रगाढ़ता आई है.