Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल को देश के प्रमुख ईको-पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया...

हिमाचल को देश के प्रमुख ईको-पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा : मुख्यमंत्री…..

12
0
SHARE
राज्य सरकार ने 113 स्थलों को ईको पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए चयनित किया है। इनमें पांच स्थलों को सार्वजनिक निजी सहभागिता आधार पर, 16 को राज्य वन विभाग तथा 47 स्थलों को हि.प्र. राज्य वन निगम को इनमें पारिस्थितिकीय पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए दिया गया है। यह बात मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज कुल्लू जिले के मनाली स्थित श्री अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं सम्बद्ध खेलें संस्थान में राज्य वन विभाग तथा हिमाचल प्रदेश ईको पर्यटन समिति द्वारा ‘हिमाचल प्रदेश में ईको पर्यटन की सम्भावनाओं’ पर आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उदघाटन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रकृति के आंचल में सैलानियों के ठहरने के लिए लॉग-हट्स का निर्माण कर 25 नए गंतव्यों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान तीन ईको पर्यटन हब्स को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन समिति, पर्यटन विभाग तथा पर्वतारोहण मनाली के समन्वय से 10 स्थानों को साहसिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 ईको पर्यटन सर्किट तैयार किए गए हैं और इन्हें स्वीकृति के लिए केन्द्र को भेजा जाएगा।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि ईको पर्यटन गतिविधियां न केवल लोगों को प्रकृति के साथ जोड़ती है, बल्कि राज्य के युवाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार की मुख्य सृजक भी साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक पार्कों तथा हर्बल बागानों को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में ईको पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए 50 वन विश्राम गृहों को उपयोग में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन को ग्रामीण जीवन, संस्कृति तथा परम्पराओं के साथ जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इससे न केवल राज्य के अनछुए , अज्ञात और अविकसित गंतव्यों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विश्व का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य बनने की बड़ी सम्भावना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौन्दर्य, स्वच्छ वातावरण और सबसे अच्छी बात शान्तिपूर्ण कानून एवं व्यवस्था राज्य में आने वाले सेलानियों के लिए अतिरिक्त आकर्षण हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के लिए बजट में पहली बार 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य में नए पर्यटन स्थलों का पता लगाने के लिए एक नई योजना ‘नई राहें नई मंजिलें’ तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून से राज्य में थर्मोकॉल की प्लेटों के उपयोग को प्रतिबन्धित किया है। ये कदम राज्य में स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित बनाने में मददगार साबित होंगे।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि ईको पर्यटन में टै्रकिंग, माउंटेन बाईकिंग, रिवर राफ्टिंग, स्कींइंग, हैली स्कींइंग, कैम्पिंग, पहाड़ां पर चढ़ना, पक्षियों के देखना इत्यादि जैसे अनेक घटक शामिल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य के इन नए स्थलों का भ्रमण करने वाले सेलानियों को मनपसंद शांति व आराम मिलेगा, बल्कि राज्य के भीड़भाड़ के पर्यटन स्थलों का बोझ भी कम होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ईको पर्यटन की अपार सम्भावना है, क्यांकि राज्य को प्रकृति ने विविध वनस्पति से नवाजा है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ईका पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए निजी कम्पनियों को जोड़ने के प्रयास करेगी।
उन्होंने राज्य में ईको पर्यटन विकास का प्रस्ताव केन्द्रीय मंत्री को सौंपा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश ईको पर्यटन समिति तथा रोरिक कला संग्रहालय की स्मारिकाओं के विमोचन भी किए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ईको क्लब की सदस्यता का फार्म भी भरा। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों तथा कम्पनियों के बीच ईको पर्यटन परियाजनाओं के लिए अनेक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लैफ्ट बैंक मनाली सड़क को समयबद्ध निर्माण के लिए इसका वित्तपोषण विश्व बैंक की सीआरएफ के तहत किया जाएगा। उन्होंने राजकीय प्राथमिक पाठशाला रांगी को माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने तथा मनाली में इण्डोर स्टेडियम के निर्माण की घोषणा की।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने कुल्लू जिले के बबेली स्थित नेचर पार्क का दौरा किया और इस अवसर पर एक पौधे का रोपण किया।
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री के.जे.अल्फांस ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावना है जिसके न्याय संगत दोहन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन में भारत का भविष्य अच्छा है क्योंकि वैश्विक स्तर पर पर्यटन में 7 प्रतिशत की वृद्धि के मुकावले भारत में यह वृद्धि 15.6 प्रतिशत दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक क्षेत्र की अपने आप में एक अलग पहचान है और प्रत्येक क्षेत्र पर्यटकों को आश्चर्य में डालता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक एवं साहसिक पर्यटन की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन संभावनाओं के दृष्टिगत निजी उद्यमियों को शामिल कर बड़े स्तर पर दोहन किया जाएगा।
पर्यटन, वन एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पारिस्थितिकीय विविधता व पर्याप्त वन क्षेत्र की वजह से इको-पर्यटन की अपार संभावना मौजूद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव डालकर राज्य में पर्यटन विकास को सुनिश्चित बना रही है।
सांसद श्री रामस्वरूप शर्मा ने सम्मेलन में आए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह सम्मेलन प्रदेश में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय पहलवान श्री दिलीप सिंह राणा जो खली नाम से जाने जाते हैं और प्लास्टिक हटाओ अभियान के ब्रैंड एम्बेंसडर हैं, ने लोगों से आग्रह किया कि स्वच्छ पर्यावरण को सुनिश्चित बनाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग न करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं इको पर्यटन सोसायटी के अध्यक्ष तरूण कपूर ने दो दिवसीय सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा कि यह सम्मेलन प्रदेश में इको पर्यटन के प्रोत्साहन के लिए कार्य-नीति तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन श्री अजय कुमार ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व प्रतिभागियों का स्वागत किया।
विधायक श्री सुरेन्द्र शौरी तथा सुन्दर सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद श्री महेश्वर सिंह उपायुक्त कुल्लू श्री यूनुस, पुलिस अधीक्षक श्रीमती शालिनी अग्निहोत्री व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here