Home धर्म/ज्योतिष गणेश जी का सबसे मंगलकारी स्वरूप कौन सा है?….

गणेश जी का सबसे मंगलकारी स्वरूप कौन सा है?….

35
0
SHARE

गणेश जी के मुख्य रूप से आठ स्वरुप माने जाते हैं. इन स्वरूपों में जीवन की हर समस्या का समाधान मौजूद रहता है. अष्टविनायक स्वरुप में “सिद्धि विनायक” सबसे ज्यादा मंगलकारी माने जाते हैं. सिद्धटेक नामक पर्वत पर इनका प्राकट्य होने के कारण इनको सिद्धि विनायक कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि इनकी सूंढ़ सिद्दि की ओर है,अतः ये सिद्धि विनायक हैं. मात्र सिद्धि विनायक की उपासना से हर संकट और बाधा को नष्ट किया जा सकता है.

– माना जाता है कि सृष्टि के निर्माण के पूर्व सिद्धटेक पर्वत पर विष्णु भगवान ने इनकी उपासना की थी.

– इनकी उपासना के बाद ही ब्रह्म देव सृष्टि की रचना बिना बाधा के कर पाये.

– सिद्धि विनायक का स्वरुप चतुर्भुजी है.

– इनके ऊपर के हाथों में कमल और अंकुश है.

– नीचे के एक हाथ में मोतियों की माला और एक हाथ में मोदक का कटोरा है.

– इनके साथ इनकी पत्नियां रिद्धि सिद्धि भी हैं.

– मस्तक पर त्रिनेत्र और गले में सर्प का हार है.

– सिद्धि विनायक की उपासना से हर तरह की विघ्न बाधा समाप्त हो जाती है.

– किसी भी कार्य के आरम्भ में इनकी पूजा और स्मरण लाभकारी होता है.

– इनकी उपासना से निश्चित संतान की प्राप्ति होती है.

 – इनकी उपासना से कर्ज से मुक्ति मिलती है और लाभ बढ़ जाता है.

– सिद्धि विनायक की नियमित रूप से पूजा करने से घर में सुख सम्पन्नता बनी रहती है.

– भगवान् सिद्धि विनायक की स्थापना गणेश महोत्सव या चतुर्थी तिथि को करें.

– बुधवार को भी इनकी स्थापना कर सकते हैं.

– नित्य प्रातः उन्हें दूर्वा और मोदक अर्पित करें.

– उनके मंत्रों का जाप करें और आरती भी करें.

– जहाँ भी सिद्धिविनायक की स्थापना करें, वहाँ दोनों वेला घी का दीपक जलाते रहें.

– “ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः”

– “ॐ नमो सिद्धिविनायक सर्वकार्यकत्रयी सर्वविघ्नप्रशामण्य सर्वराज्यवश्याकारण्य सर्वज्ञानसर्व स्त्रीपुरुषाकारषण्य”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here