आध्यामिक गुरू भैय्यूजी महाराज मंगलवार को उस वक्त सभी को चौंका कर रख दिया जब अचानक इंदौर के घर में उनकी गोली मारकर खुद को उड़ा लेने की ख़बर सामने आयी। पुलिस ने उनके सुसाइड नोट का हवाला देते हुए कहा कि वे काफी परेशान थे। पचास वर्षीय भैय्यूजी के अनुयायियों में शीर्ष राजनेताओं और कई बड़ी हस्तियां के नाम शुमार किए जाते थे। पुलिस के मताबिक, भैय्यू जी महाराज ने अपनी सुसाइड नोट में लिखा था कि वह काफी परेशान हैं।
पारिवारिक कलह में गई भैय्यू महाराज की जान
पुलिस को मिली सुसाइड नोट में भैय्यूजी महाराज ने दो लाइन में लिखा था- “कुछ लोगों को मेरे परिवार की जिम्मेदारी के लिए रहना चाहिए। मैं काफी परेशान और दुखी होकर छोड़ रहा हूं।” अपने फॉलोअर्स के बीच भैय्यूजी महाराज के नाम से जाने जानेवाले आध्यात्मिक गुरू ने पिछले साल ही दूसरी शादी की थी। उनकी पहली पत्नी का निधन साल 2015 में हो गया था। ऐसी रिपोर्ट्स है कि उनकी बेटी के साथ उनका पारिवारिक कलह चल रहा था।
पुलिस ने कहा- परिवार से करेंगे पूछताछ
पुलिस ने कहा कि उनके परिवार से इस बारे में पूछताछ की जाएगा। इंदौर में सीनियर पुलिस ऑफिसर जयंत राठौड़ ने बताया- “उनकी पत्नी और परिवार घर पर हैं। जांच के लिए उनके बचायन लिए जाएंगे।”
भैय्यूजी महाराज हाल में वक्त सुर्खियों में आए थे जब मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने जिन पांच आध्यात्मिक गुरुओं को कैबिनेट का दर्जा दिया था उनमें से एक भैय्यूजी महाराज भी थे। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा था कि संत के लिए पद कोई मायने नहीं रखता है।
कई नेताओं से भैय्यूजी महाराज के संबंध
पूर्व मॉडल भैय्यूज महाराज का जन्म मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 90 किलोमीटर दूर शुजालपुर में हुआ था और उनका नाम था उदय सिंह देशमुख। वर्षों तक उनके बीजेपी और कांग्रेस समेत कई राजनेताओं से संपर्क करे। उन्होंने साल 2016 में सार्वजनिक जीवन से रिटायरमेंट की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- देश ने एक ऐसे शख्स को खो दिया है जिनमें संस्कृत, ज्ञान और निस्वार्थ का संगम था। जबकि, आरएसएस ने उनकी मौत पर संवेदना प्रकट की है। उधर, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भैय्यूजी महाराज की खुदकुशी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।