हर व्यक्ति को रोज़ाना 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की ज़रुरत होती है. लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक भारत में प्रतिव्यक्ति सिर्फ 426 मिलीग्राम कैल्शियम ही मिलता है. इस वजह से भारतीयों में ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ रहा है.
यह स्टडी इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (आईओएफ) ने की. इनके मुताबिक कैल्शियम हड्डियों का एक प्रमुख घटक है, जो करीब 30 से 35 प्रतिशत द्रव्यमान व ताकत के लिए जरूरी है.
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल का कहना है कि, “किसी भी व्यक्ति का कैल्शियम का सेवन जीवन के प्रत्येक चरण में भिन्न होता है. हड्डियों की तीव्र वृद्धि के कारण किशोरावस्था में विशेष रूप से इसकी अधिक आवश्यकता होती है और बुढ़ापे में भी, जब शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है.”आगे उन्होंने कहा, “बुजुर्गों में प्रति वर्ष लगभग 1 प्रतिशत की दर से हड्डियों की क्षति होती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष लगभग 15 ग्राम कैल्शियम कम हो जाता है. हड्डियां खोखली होती हैं और आम तौर पर एक वयस्क पुरुष के पूरे कंकाल का वनज 3 किलो से कम होता है. हर किसी के शरीर में, 30 साल की उम्र तक हड्डियों का निर्माण होता रहता है और फिर हड्डी के रिजोप्रशन या पुनर्वसन की प्रक्रिया शुरू होती है. इसलिए, बच्चों के शरीर में मजबूत हड्डियों का होना महत्वपूर्ण है, ताकि वे बड़े होने पर फ्रैक्चर से बच सकें.”
कैसे करें कैल्शियम की कमी पूरी
दूध, दही और पनीर से पर्याप्त कैल्शियम मिल जाता है. नियमित रूप से सुबह और शाम को एक-एक गिलास दूध और दोपहर को दही व पनीर लेने से कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है. कैल्शियम काले चने, उड़द की दाल और तिल में भी मौजूद होता है. पान में चूने के रूप में भी कैल्शियम मौजूद होता है, लेकिन यह पूरी तरह अवशोषित नहीं हो सकता है.”
इसी के साथ दूध, नारंगी का रस, मशरूम और अंडे की जर्दी में भी कैल्शियम शामिल होता है. हर दिन लगभग 30 मिनट के लिए पर्याप्त शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लें. ऐसे कई व्यायाम हैं जो हड्डी की ताकत बढ़ाने और संतुलन व समन्वय में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.”
क्या ना करें
कैफीन के सेवन को सीमित करें, क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है. यदि आप धूम्रपान करते हैं या अल्कोहल लेते हैं, तो इन आदतों को छोड़ना एक अच्छा विचार हो सकता है.”