Home धर्म/ज्योतिष पिता के आशीर्वाद से कैसे मिलता है नाम और यश?…

पिता के आशीर्वाद से कैसे मिलता है नाम और यश?…

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सूर्य इस जगत के प्राण और पालन पोषण का महत्वपूर्ण मुख्य ग्रह है. सूर्य से ही इस जगत के अन्दर जीवन और प्राण का संचार होता है.  हमारे पिता भी हमारे प्राण और जीवन के केंद्र हैं. इस आधार पर पिता का संबंध सूर्य से माना जाता है.

ज्योतिष में सूर्य की स्थिति से ही पिता की स्थिति को समझा जाता है. इसी तरह से आपके पिता की स्थिति के आधार पर सूर्य को भी समझा जा सकता है.

पिता का सम्मान न करने से, उनके साथ संंबंध ठीक ना रखने से क्या हो सकता है?

– जीवन में सूर्य की शुभ शक्तियां घटती जाएंगी.

– मान-सम्मान और यश घटता जाएगा, अपयश की स्थिति बन जाएगी.

– हड्डियों की समस्या होगी, खासतौर से विटामिन “डी” की कमी.

– ह्रदय रोग की संभावना भी बन सकती है.

– उच्चाधिकारियों के साथ संबंध अच्छे नहीं होंगे.

– बार-बार रोजगार में समस्याएं पैदा होंगी.

पिता का सम्मान करने से, उनके साथ सम्बन्ध ठीक रखने से क्या होगा?

– कुंडली में खराब सूर्य मजबूत होता है.

– मान-सम्मान और नाम यश की कमी नहीं रहती.

– स्वास्थ्य अच्छा रहता है, कोई गंभीर बीमारी नहीं होती.

– प्रशासन और राजनीति में खूब सफलता मिलती है.

सूर्य को मजबूत करने के लिए किस तरह पिता के साथ व्यवहार करें?

– नित्य प्रातः और सायं पिता के चरण स्पर्श करें.

– उनके अन्न, वस्त्र और चिकित्सा में कमी न आने दें.

– संभव हो तो पिता के साथ रहें. आपके कक्ष के साथ ही उनका कक्ष रखें.

– पिता के साथ जाकर ताम्बे या सोने की वस्तु ले लें, इसे हमेशा प्रयोग करें.

पिता के साथ संबंध ठीक रखने के लिए किस प्रकार सूर्य की उपासना करें?

– नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिलाकर जल अर्पित करें.

– इसके बाद सूर्य के मन्त्र “ॐ आदित्याय नमः” का 108 बार जाप करें.

– रविवार को गुड़ का दान करें.

– रविवार को नमक, अदरक और सरसों के तेल का सेवन न करें.

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