मध्यप्रदेश सीहोर जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस में बैठने वाले 72 साल की टाइपिस्ट लक्ष्मी बाई अपने हौसले से युवाओं के लिए मिसाल कायम कर रही हैं। वो जिस स्पीड से टाइपराइटर पर उंगलियां चलाती हैं, उसे देख हर कोई दंग रह जाता है। उनके इसी जज्बे को क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर के जरिए सैल्यूट किया। इस युग की लक्ष्मी बाई से उनके संघर्ष को जाना।
कलेक्ट्रेट ऑफिस में टाइपिस्ट लक्ष्मी बाई बताती हैं, “मैं यहां अपनी बेटी के साथ रहती हूं। वो दिव्यांग है। टाइपिंग से होने वाली कमाई से ही मैं उसकी देखभाल करती हूं। मेरे पति ने काफी साल पहले हम दोनों को घर से निकाल दिया था। तब से मैं अकेली ही बेटी को पाल रही हूं।” टाइपिंग करना कैसे सीखा, इस पर उन्होंने बताया, “साल 2008 तक मैं इंदौर के सहकारी बाजार में पैकिंग का काम करती थी। वहां काम करने वाले लोगों को देख-देख कर टाइपिंग सीखी थी। वहीं मेरी मुलाकात तात्कालीन कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और एसडीएम भावना विलम्बे से हुई। उन्होंने मेरी टाइपिंग स्पीड देखी और काफी प्रभावित हुए। दोनों ने मिलकर मुझे कलेक्ट्रेट ऑफिस में आवेदन टाइप करने का काम दिलवा दिया। तब से मैं इसी ऑफिस में बैठती हूं।”
कैसे आईं चर्चा में
हाल ही में पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ‘टाइपिस्ट अम्मा’ के नाम से मशहूर लक्ष्मीबाई का वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “ये महिला मेरे लिए सुपरवुमन हैं। ये सीहोर, मध्यप्रदेश में रहती हैं। आज के युवा इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। सिर्फ इनकी टाइपिंग स्पीड ही नहीं, बल्कि जिंदगी जीने का जज्बा भी इंस्पायरिंग है। ये सिखाती हैं कि कोई काम छोटा नहीं होता और कोई उम्र नई चीज सीखने के लिए ज्यादा नहीं होती। इन्हें मेरा प्रणाम!”