राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल आज हरदा जिले के टिमरनी में वार्ड क्रमांक 7 में आँगनवाड़ी केन्द्र पहुँचीं और बच्चों से बातचीत की। राज्यपाल ने बच्चों को पौष्टिक आहार और फल वितरित किये। इस मौके पर आँगनवाड़ी की एक बालिका का जन्म-दिन भी मनाया गया। श्रीमती पटेल ने आयरन टेबलेट तथा मातृत्व वंदना योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी प्राप्त की और बच्चों की बेहतर देखभाल करने के निर्देश दिये। बच्चे भी राज्यपाल को अपने बीच पाकर बहुत खुश थे।
अस्पताल पहुँचीं राज्यपाल
राज्यपाल ने टिमरनी चिकित्सालय पहुँचकर एनआरसी में भर्ती बच्चों की माताओं से चर्चा की और बच्चों को पौष्टिक आहार तथा फल वितरित किये। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने में सक्रिय भागीदारी निभायें। बच्चों को दिये जा रहे भोजन की गुणवत्ता, पौष्टिकता और पानी की शुद्धता भी सुनिश्चित की जाये। विधायक श्री संजय शाह राज्यपाल के साथ थे।
राज्यपाल ने किया शिशु वाटिका का लोकार्पण
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने सरस्वती शिशु मन्दिर में नव-निर्मित शिशु वाटिका भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में अलग-अलग राज्य में विद्या भारती शिक्षा के प्रसार का काम कर रही है। यह संस्था अलग पद्धति से काम करती है। उन्होने बताया कि गुजरात में विद्या भारती को आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग का कार्य सौंपा गया था। उन्होने शिशु वाटिका के बारे में कहा कि मुझे आज प्रसन्नता है कि शिशु वाटिका भारतीय संस्कृति के अनुरूप है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरू का दर्जा रखता था। आधुनिक शिक्षा का हमारे बच्चों पर इतना अधिक प्रभाव पड़ा है कि वे भारतीय संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी उपयोगी होगी जब वह भारतीय जीवन-दर्शन पर आधारित होगी। शिक्षा और संस्कार द्वारा बच्चों का सर्वांगिण विकास करना होगा। उन्हें शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति की शिक्षा भी देना चाहिए। उन्होने शिक्षकों से कहा कि भारतीय संस्कृति में सदैव पूज्यनीय शिक्षकों को बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति की शिक्षा भी देना चाहिए। विदेशी हमारी शिक्षा, संस्कार से प्रेरित होकर हमारी प्राचीन परम्पराओं, संस्कारों का अनुसरण कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और शिक्षक भविष्य निर्माता हैं।
लोकार्पण समारोह में शिशु वाटिका अखिल भारतीय प्रमुख श्रीमती आशाबेन थानके और पं. श्यामस्वरूप मनावत ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। राज्यपाल ने टिमरनी में विभिन्न योजनाओं से लाभांन्वित हितग्राहियों से चर्चा की तथा उनके जीवन में आए बदलाव के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल हरदा में गुजराती समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में भी शामिल हुईं।
क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लें प्रबुद्धजन
राज्यपाल ने हरदा जिले के प्रबुद्धजनों से कहा कि क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लें, उनके लिए हर सप्ताह फल, चना, गुड़, मूंगफली की व्यवस्था की जाए ताकि बच्चे अच्छा पोषण पा सकें। इसके साथ ही, ऐसे बच्चों के माता-पिता से प्रत्येक 15 दिवस में संपर्क करें और बच्चों के नियमित दवाई लेने के बारे में पूछताछ करें। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2023 तक पूरे देश को क्षय रोग मुक्त बनाना है। इसी क्रम में हरदा जिले को भी क्षय रोग मुक्त कराने में समाज का प्रबुद्ध वर्ग सक्रिय योगदान दे।