मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आरम्भ की गई विभिन्न पहलों, जिनमें कृषि क्षेत्र का विकास व वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना, इलैक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मनरेगा, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिशन इन्द्रधनुष, स्पेशल डिवेल्पमेंट नीड्स ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स, महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती को मनाने के लिए सुझाव, जीएसटी अधिनियम, जैम पोर्टल, भीम ऐप तथा आधार और राज्य स्तर पर उपलब्ध विभिन्न अनटाइड निधि का उपयोग करना शामिल है तथा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत की जा रही प्रगति से अवगत करवाया।
जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए 343.12 करोड़ की केन्द्रीय सहायता अभी लम्बित है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय ने पीएमकेएसवाई के अन्तर्गत निधि के लिए वर्ष 2016-17 में 99 सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है, हालांकि सभी शर्ते पूरी करने के बावजूद इस सूची में हिमाचल प्रदेश की एक भी योजना शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आग्रह किया है त्वरित सिंचाई लाभ योजना (एआईबीपी) के अन्तर्गत निधि के लिए 156.31 करोड़ रुपये की मध्यम सिंचाई परियोजना नादौन और 204.51 करोड़ रुपये की फिना सिंह सिंचाई परियोजना को इस सूची में शामिल किया जाए क्योंकि इन योजनाओं में सभी शर्ते पूरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत लम्बित निधि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया तथा कहा कि इन दोनों सिंचाई परियोजनाओं को 99 प्राथमिकता परियोजनाओं की सूची में शामिल किया जाए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए वर्तमान वर्ष में 9 योजनाओं को कार्यान्वित करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सिंचाई के लिए पानी की कमी झेल रहे प्रदेश के पांच जिलों के लिए 4751 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जल संरक्षण एवं प्रबन्धन का एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को किसी बाहरी एजेंसी के माध्यम से निधि के लिए केन्द्र के समक्ष उठाया है। उन्होंने बताया कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 तक 10 लाख नए पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्मयंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य में सहभागिता योजना, मुख्यमंत्री निरोग योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना तथा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष जैसी नई याजनाओं को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से 10 लाख से भी अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं तथा संस्थागत प्रसव की दर 50 से बढ़कर 80 प्रतिशत हुई है। उन्हांने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा 108 के लिए निधि 20ः80 के अनुपात से प्रदान जा रही है, जिसमें 20 प्रतिशत केन्द्र तथा 80 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश प्रदान कर रहा है। उन्होंने प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थितियों के मद्देनजर 90ः10 के अनुपात के अनुसार वित्तीय सहायता के लिए आग्रह किया।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन के अन्तर्गत चम्बा, हमीरपुर, सोलन, शिमला और ऊना जिलों को लाया गया है तथा प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक पदों को भरने के प्रयास कर रही है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश सरकार मुख्यालय स्तर से जुड़े पदों का 21 करोड़ रुपये का वित्तीय भार उठाएगी। उन्होंने केन्द्र से राज्य के हित में इस निर्णय की समीक्षा करने का आग्रह किया ताकि कार्यक्रम के अन्तर्गत लक्ष्यों को शीघ्र हासिल किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्पेशल डिवेल्पमेंट नीड्स ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ के अन्तर्गत जिला चम्बा को चिन्हित किया गया है तथा जिला प्रशासन ने जिले के एकीकृत विकास के लिए तीन वर्षीय विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसे केन्द्र सरकार को सौंपा गया है।
उन्होंने बैठक में बताया कि गत वित्तीय वर्ष के दौरान जैम पोर्टल को क्रियाशील बनाया गया है तथा अभी तक 15.88 करोड़ रुपये की वित्तीय लेन-देन किए गए, जबकि भीम ऐप के माध्यम से 658 करोड़ रुपये के लेन-देन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आधार के माध्यम से 34 योजनाओं के अन्तर्गत 1067 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किए गए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी भी बैठक में उपस्थित थे।