नपं टाहलीवाल और इसके आस-पास के गांवों में लोग विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नही है, क्योंकि विद्युत विभाग द्वारा जो बिजली के बिल उपभोक्तओं को दिए जा रहै है उनके भुगतान की अंतिम तिथि दो दिन के बाद कि डाल दी जाती है पर बिलों पर बिल जारी करने की तिथि ओर होती है।
इतना ही नहीं उपभोक्तओं के पास बिल किसी ओर दिन पहुंचता है। जी हां ऐसा की कुछ मामला ललड़ी गांव में पेश आया है। जहां पर सोमवार सुबह जब विद्युत विभाग के कर्मचारी गांव में बिल काटने गए तो बिलो पर जारी करने की तिथि 16 जून की थी और बिल 18 जून को काटा गया, जबकि बिल के भुगतान की अंतिम तिथि 20 जून लिखी गई। ऐसे में लोगो का कहना है कि उन्हें बिल का भुगतान करने के लिये केवल एक दिन का ही समय मिलता है। लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली बिल्कुल उचित नही है।
वहीं राष्ट्रीय एकता मंच के अध्यक्ष और समाजसेवी सुरिंद्र रत्रा का कहना है कि एक टी बिल जारी होने के दो दिन बाद मिलता है और ऊपर से बिल के भुगतान के लिए भी एक दिन का समय मिलता है। जिसका भरपूर फायदा विद्युत विभाग उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ता को बिल समय पर ना देने के कारण जुर्माना देना पड़ता है तो जब विभाग की ओर से बिल देरी से मिलने के कारण बिल के भुगतान का समय क्यों नही बढ़ाया जाता।
उनका कहना है कि अभी कुछ महीने पहले जब विभाग से बात की गई तो उन्हें बताया गया कि बिल जारी होने और भुगतान की तिथि के बीच 10 दिन का समय होता है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण समय पर बिल नही काटे जा रहे है। सुरिंद्र रत्रा ने कहा कि अगर विभाग के पास स्टाफ की कमी है तो दो दिन के समय के बाद जुर्माना क्यों वसूला जाता है।
क्या कहते हैं एसडीओ
जब एसडीओ सुरेश चंद्र शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नेटवर्क के समस्या आने के कारण बिल काटने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि दो महीने के इक्कठे बिल भी नियमानुसार काटे जाते है, लेकिन यदि लोगोंं को इससे परेशानी पेश आ रही है तो इसका भी जल्द से जल्द हल निकाल दिया जाएगा।