सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस के सात काण्डों में से एक काण्ड है. इसमें हनुमान जी द्वारा सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन है. इसमें दोहे और चौपाइयां विशेष छंद में लिखी गई हैं. सम्पूर्ण मानस में श्री राम के शौर्य और विजय की गाथा लिखी गई है.
हालांकि सुन्दरकाण्ड में उनके भक्त हनुमान के बल और विजय का उल्लेख है. इसमें भक्त के विजय और सफलता की गाथा है, अतः यह मानस में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है.
– अगर जीवन में बाधाएं बढ़ती जा रही हों.
– अगर ग्रहों के कारण, विशेषकर शनि और मंगल के कारण, संघर्ष करते ही चले जा रहे हों.
– अगर शत्रु और विरोधी समस्याएं पैदा करते जा रहे हों.
– अगर मुकदमे, दुर्घटना, या शल्य चिकित्सा से परेशान हों.
– इसका पाठ मंगलवार और शनिवार को करना विशेष शुभ होता है.
– बेहतर होगा इसका पाठ संध्याकाल में करें.
– हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं.
– पहले श्री राम का स्मरण करें, फिर हनुमान जी को प्रणाम करके सुन्दरकाण्ड का आरम्भ करें.
– पाठ के अंत में हनुमान जी की आरती करें.
– पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण करें.