ब्यौरा न देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्यवाही भी करेगा। विभाग ने स्कूलों से बच्चो का वो ब्यौरा भी मांगा है जिसमें उन सभी बच्चों का ब्यौरा होना जरूरी बताया गया है जिन्हें इसके तहत दाखिला दिया गया है।
प्रदेश में निजी स्कूलों के लिए कुल दाखिल बच्चों में से समाज के कमजोर वर्गों के लिए 25 फीसदी दाखिला देना जरूरी किया गया है। ये दाखिला बीपीएल परिवारों से संबंधित या विकलांगता से युक्त बच्चों को देना होगा। जिसमें एससी, एसटी परिवारों के बच्चों को भी प्राथमिकता देनी होगी।
आरटीई के तहत ऐसा करने की व्यवस्था लागू करने के निर्देश पहले से ही हैं। लेकिन, कई निजी स्कूल प्रबंधक गरीब बच्चों को दाखिला नही दे रहे है। अब इसे सरकार सख्ती से लागू कर रही है। ताकि गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया कि आरटीआई नियमों के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित की गई हैं। नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों को रिपोर्ट देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।