Home राष्ट्रीय हिंदू-मुस्लिम जोड़े को सुषमा स्‍वराज के दखल के बाद मिला पासपोर्ट….

हिंदू-मुस्लिम जोड़े को सुषमा स्‍वराज के दखल के बाद मिला पासपोर्ट….

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लखनऊ में एक दंपति का पासपोर्ट जारी करने से इनकार करने वाले पासपोर्ट ऑफ़िस के कर्मचारी का तबादला कर दिया गया है. दंपति ने इस मामले को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी गुहार लगाई थी. अब विदेश मंत्रालय ने लखनऊ पासपोर्ट से जवाब मांगा है. दरअसल कर्मचारी ने युवा जोड़े का पासपोर्ट बनाने से ये कहकर इनकार कर दिया था कि उनका धर्म अलग-अलग है. अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को कर्मचारी ने कहा था कि अलग-अलग धर्म में शादी करने की वजह से पहले आपको अपना नाम बदलना होगा, उसके बाद ही पासपोर्ट बन सकता है. दंपती ने कर्मचारी पर बदसलूकी का भी आरोप लगाया था. हालांकि मामला सामने आने के बाद लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर ने कर्मचारी की ग़लती मानी और दंपति को पासपोर्ट जारी कर दिया गया है.

लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि उनके पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं. आधिकारिक ने बताया जिस कर्मचारी की गलती थी उसके खिलाफ एक शोज नोटिस जारी किया गया है और कार्रवाई भी की जाएगी. हमें इस घटना पर खेद है और यह सुनिश्चित होगा कि इसे दोहराया नहीं जाएगा.  पीड़ित पति अनस सिद्दकी ने कहा कि मुझसे अपना धर्म बदलने के लिए कहा गया. वहीं पत्नी ने कहा कि हमें आशा है कि यह किसी और के साथ नहीं होगा. शादी के 11 साल में हमने कभी इसका सामना नहीं किया. उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों ने माफ़ी मांगी और हमें हमारे पासपोर्ट मिल गए है.

तन्वी सेठ ने बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किया था. इस में तन्‍वी ने लिखा था कि हेलो मैम, न्याय और आप पर पूरे भरोसे के साथ-साथ काफी गुस्से में मैं ये ट्वीट टाइप कर रही हूं. एक मुस्लिम शख़्स से शादी करने और अपना नाम नहीं बदलने की वजह से जिस तरीक़े से लखनऊ पासपोर्ट ऑफ़िस में मेरे साथ विकास मिश्रा ने बदसलूकी की, उससे मेरे मन में काफ़ी ग़ुस्सा है. उसने मुझसे बहुत बेरुख़ी से बात की. मेरे मामले पर चर्चा के दौरान उनकी आवाज इतनी तेज थी कि दूसरे लोग पूरी बातचीत सुन रहे थे.  पहले कभी इतना अपमानित महसूस नहीं किया. पासपोर्ट ऑफ़िस के दूसरे कर्मचारियों ने भी उनकी बेरुख़ी की बात मानी.

गौरतलब है कि तनवी सेठ की अनस सिद्दीकी से वर्ष 2007 में शादी की गई है और उनकी एक सात साल की बेटी है. पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए लखनऊ के ऑफिस में बुलाया गया. जब वह वहां पहुंचे तो उनका केस देखने वाले अधिकारी ने उनको शर्मिंदा किया और उनसे पूछा कि क्‍या वह पासपोर्ट के लिए अपना धर्म बदल सकते हैं. लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर ने कर्मचारी की गलती मानी और कहा कि वो उन्‍हें जल्‍द पासपोर्ट जारी करेंगे.

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