राज्यपाल श्रीमती आंनदीबेन पटेल ने खरगोन में राज्य-स्तरीय जैव-विविधता पुरस्कार से सम्मानित संस्था आस्था ग्राम ट्रस्ट का अवलोकन किया। उन्होंने आस्था ग्राम द्वारा सघन वृक्षारोपण कर बनाई गई जंगल बैलगाड़ी सफारी का भी लुत्फ उठाया। श्रीमती पटेल ने आस्था ग्राम के स्वागत द्वार पर त्रिगुंडी (नीम, पीपल, बरगद) रोपित की।
इशारों की भाषा देख राज्यपाल अभिभूत हुईं
राज्यपाल श्रीमती पटेल आस्था ग्राम में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की सांकेतिक भाषा से अभिभूत हुईं। उन्होंने श्रवण-बाधित, दृष्टि-बाधित, मूक-बधिर और मानसिक रोगी को दी जाने वाली शिक्षा को गहराई से जाना। संस्था के दिव्यांग बच्चों ने कई ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए, जिनको देख राज्यपाल अदभुत कह उठीं। एक सामान्य बच्चे को राज्यपाल ने अपनी माता का नाम बताया। श्रवण-बाधित बच्चे ने इशारों से राज्यपाल की माता का नाम समझा और स्लेट पर लिख दिया। संस्था के दिव्यांग बच्चों ने समेकित के जादू, तिकड़ी का कमाल, तुम डाल- डाल तो हम पात-पात, कार्यक्रम पेश किया। बच्चों ने नाटिका ‘सबसे बुद्धू कौन” से स्वच्छता का सुंदर संदेश दिया।
राज्यपाल का दिव्यांगों को संदेश
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि बच्चों से मिलकर मैं बहुत खुश हूँ। आत्म-निर्भर होने के लिये आपस में जिस तरह का व्यवहार और एक-दूसरे को भाषा सिखलाते हैं, यह अदभुत है। मैंने यह पहली संस्था देखी, जहाँ सभी तरह के दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों के समान रहते हैं।