बता दें कि पिछले साल नशे के 81 केस दर्ज हुए थे। पुलिस ने नशे के गौरखधंधे में संलिप्त 95 लोगों को जेल की हवा खिलाई है जबकि पिछले साल के 81 मामलों में 105 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया था, लेकिन पुलिस में स्टाफ की कमी इस अभियान को आगे बढ़ाने में कहीं न कहीं आड़े आ रही है। वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा नशे के खिलाफ एसटीएफ गठित करने के फैसले को ऊना में खूब सराहा जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल चिट्टे के 13 मामले पकड़े गए थे, जबकि इन 7 महीनों में 19 में करीब 61.86 ग्राम चिट्टा पकड़ा है। पुलिस ने अभी तक 5 किलो 60 ग्राम चरस, 76 ग्राम अफीम, 987 ग्राम गांजा, 176 किलो चुरा पोस्त, 3000 नशीले कैप्सूल व गोलियां और 1100 नशीले सिरप पकड़ने में सफलता हासिल की है।
ऊना एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि नशे पर नकेल कसने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशे की तस्करी रोकने के लिए रोपड़ और होशियारपुर पुलिस के साथ भी संपर्क साधा गया है। उन्होंने कहा कि ऊना पुलिस पंजाब पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाएगी, ताकि पंजाब के बॉर्डर पर नशा तस्करी न हो सके।
ऊना एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि नशे पर नकेल कसने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशे की तस्करी रोकने के लिए रोपड़ और होशियारपुर पुलिस के साथ भी संपर्क साधा गया है। उन्होंने कहा कि ऊना पुलिस पंजाब पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाएगी, ताकि पंजाब के बॉर्डर पर नशा तस्करी न हो सके।