नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से शिमला प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से अधिक मंजिलों पर लगाई गई रोक के मामले में सरकार को आगे क्या करना है? इसका फैसला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लेंगे। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने एनजीटी के आदेशों की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी है।
जयराम ठाकुर बीते दिनों शिमला से बाहर चल रहे थे। इसके चलते इस फाइल को नहीं देखा है। सोमवार को इस मामले में अफसरों से सलाह मशविरा होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ही कह चुके हैं कि शिमला वासियों की चिंता है, कोर्ट के आदेशों का भी सम्मान करना है।एनजीटी ने शिमला प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिला से ऊंची इमारतों पर रोक लगाई है। इसके साथ ही प्लानिंग एरिया में 35 डिग्री एंगल से ज्यादा की जमीनों पर भी कंस्ट्रक्शन पर प्रतिबंध लगाया है। बता दें कि अन्य राज्यों की अपेक्षा शिमला की भौगोलिक स्थिति काफी भिन्न है।
यहां पर 45 और इससे अधिक एंगल वाली जमीनें हैं। डंगा लगाकर प्लाट को सीधा किया जाता है। उसके बाद ही भवन खड़ा किया जाता है। प्रधान सचिव टीसीपी प्रबोध सक्सेना का मानना है कि मुख्यमंत्री के साथ इस पूरे मामले पर मामले विचार विमर्श किया जाना है।
टीसीपी और राजस्व विभाग की मानें तो शिमला प्लानिंग एरिया में 10 हजार के करीब ऐसे प्लॉट मालिक हैं, जिन्होंने चार बिस्वा और इससे अधिक की जमीनें खरीद रखी हैं। एनजीटी के फैसले से ये लोग प्रभावित हो रहे हैं।