Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल सरकार ने खंगाला 3महीनों के फोन टैपिंग का रिकॉर्ड…

हिमाचल सरकार ने खंगाला 3महीनों के फोन टैपिंग का रिकॉर्ड…

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हिमाचल सरकार ने वीरवार को सीआईडी की ओर से पिछले तीन महीने में टैप किए गए टेलीफोनों का रिकॉर्ड खंगाला। पिछले तीन-चार महीनों में किस-किसके टेलीफोन टैप किए गए? इसकी मुख्य सचिव विनीत चौधरी की अध्यक्षता में बनी टेलीफोन इंटरसेप्शन रिव्यू कमेटी ने गंभीर पड़ताल की।

देखा गया कि इन टेलीफोनों को टैप करने के लिए कब-कब अनुमतियां ली गईं? यह भी कि इन्हें टैप करने के कानूनी आधार क्या थे? वीरवार को करीब 12 बजे के बाद मुख्य सचिव विनीत चौधरी की अध्यक्षता में यह गोपनीय बैठक हुई।

इसमें गृह और विधि विभागों के प्रशासनिक सचिव भी शामिल हुए। इस अवसर पर राज्य गृह विभाग के पास मौजूद रिकॉर्ड को देखा गया। सीआईडी को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का टेलीफ ोन टैप करने के सात दिन के भीतर गृह विभाग के निदेशक की अनुमति लेनी होती है।जिन मामलों में अनुमति दी जाती है और जिनमें नहीं दी जाती है, उन सबको रजिस्टर में नोट किया जाता है। इसी रजिस्टर और संबंधित दस्तावेजों की सीआईडी में समीक्षा की जाती है। वीरवार को भी यही समीक्षा हुई।

हिमाचल में भ्रष्टाचारी और अपराधी सीआईडी के रडार पर चल रहे हैं। इनमें चिट्टा, चरस, ड्रग्स की तस्करी में शामिल लोगों पर भी सीआईडी पैनी नजर रखे हुए है। पुलिस और विजिलेंस ब्यूरो जैसी जांच एजेंसियां भी फोन टैपिंग के लिए सीआईडी का सहारा लेती हैं।

यह टैपिंग सीआईडी मुख्यालय कसुम्पटी में होती है। किसी भी गंभीर सूचना पर तत्काल सर्विस प्रोवाइडर से फोन नंबर डायवर्ट करवाया जाता है। इसके बाद सात दिन के भीतर उस फोन को टैप करने की मंजूरी लेनी जरूरी होती है। पिछली सरकारों में कई बार नेता भी टेलीफोन टैपिंग के आरोप लगा चुके हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में भी नेताओं के टेलीफोन अवैध रूप से टैप करने का मामला काफी उछला। हालांकि, छानबीन के बाद यह साबित नहीं हो सका कि किसी के फोन बगैर अनुमति के टैप किए गए। सूत्रों ने बताया कि इस समीक्षा बैठक में ऐसी सारी बातें भी देखी जाती हैं। टेलीग्राफ एक्ट के मुताबिक केवल उन्हीं लोगों के फोन टैप किए जा सकते हैं, जिन पर भ्रष्टाचार और अपराध के गंभीर आरोप लगे हों या फिर जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो।

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