प्रदेश सरकार अब एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं, बौने और मानसिक रूप से बीमार लोगों को भी नौकरियों में चार फीसदी आरक्षण देगी। ऐसे लोगों को नौकरियों में चार फीसदी आरक्षण देने के अध्यादेश को राज्यपाल राम नाईक ने मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंहल ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। प्रदेश सरकार अध्यादेश इसलिए लेकर आई है, क्योंकि इस समय राज्य विधानमंडल का सत्र विद्यमान नहीं है। मानसून सत्र या अगले सत्र में इससे संबंधित विधेयक पारित कराया जाएगा।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एसिड अटैक की घटनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही गंभीरता से लेकर ऐसी महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण के लिए प्रावधान किया है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों को भी ऐसा करने के निर्देश दिए हैं। जिसके आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए अध्यादेश लाने का फैसला किया।
इसके लिए बाकायदा यूपी लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) कानून में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के लिए ही अध्यादेश लाया गया।
अध्यादेश की मंजूरी और उसके आधार पर जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह चार फीसदी आरक्षण केवल एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं को ही नहीं बल्कि चार फीट 10 इंच या उससे कम लंबाई वाले (बौने युवकों) को भी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा। यही नहीं, प्रदेश सरकार राज्यपाल राम नाईक की पहल पर उपचार करा रहे कुष्ठ रोगियों को भी इस चार फीसदी आरक्षण का लाभ देगी।
इनके अलावा मानसिक रूप से बीमार, मांस पेशियों की बीमारियों के शिकार, पार्किंसन बीमारी से पीड़ित, हेमोफीलिया और थैलेसीमिया बीमारी के शिकार लोगों को भी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। नौकरियों में आरक्षण मिलने से ऐसे लोगों को किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।