राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज राजभवन में ‘ऐट होम’ की मेजबानी की। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, लेडी गवर्नर दर्शना देवी और मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित रही।
72वें स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम उन महान स्पूतों के ऋणी हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया और इस अवसर पर दिल से याद करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि हमें उनसे एकता और अखण्डता के सिद्धांत सीखने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भावी पीढ़ियों में राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न करनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि भावी पीढ़ी की मानसिकता में क्रान्ति लाने की आवश्यकता है ताकि उनमें देश के प्रति देशभक्ति, बलिदान और समर्पण की भावना विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे से प्रेमभाव की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए और सभी धर्म समान हैं।
राज्यपाल ने प्रदेश में बड़े स्तर पर प्राकृतिक खेती अपनाने पर बल दिया ताकि हम प्राकृतिक एवं स्वस्थ भोजन प्रदान कर सकें। उन्होंने ‘प्राकृतिक कृषि, खुशहाल किसान’ योजना के अन्तर्गत प्राकृतिक खेती के लिए 25 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और इसे किसान समुदाय को बचाने की दिशा में एक सही कदम करार दिया।
उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक बुराईयों के विरूद्ध लड़ने के सामुहिक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण हैं और इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा कार्य करना चाहिए जो देश के लिए प्रेरणा बने। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर चिन्ता जाहिर की और लोगों को नशे के विरूद्ध अभियान में शामिल होने तथा राज्य को नशामुक्त बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण को बचाना है और सौहार्द का वातावरण बनाए रखना है और इसके लिए हमें आज शपथ लेनी है।
उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता पूर्व के दौर के दौरान कुछ लोगों द्वारा किए गए बलिदानों का उल्लेख किया, जिनके बारे में आज मुश्किल से बात होती है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे राष्ट्रवादी थे जिन्होंने चुपचाप स्वतंत्रता के लिए लड़ाई के चिराग को जीवित रखा और उन्हें याद करना शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
इससे पूर्व, राजभवन के दरबार हॉल में श्रीमती मिथीलेश शास्त्री तथा उनकी पुत्री श्रुति चौहान ने देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए। राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन्हें सम्मानित किया।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, हि.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री, विधायकगण, राज्य भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सती, मुख्य सचिव विनीत चौधरी, पुलिस महानिदेशक डॉ. एस.आर मरड़ी, जीओसी-इन-सी ले. जनरल मनोज मुकन्द नरवाने, चीफ ऑफ स्टाफ सेना ले. जनरल राजीव सिरोही, कुलपति, स्वतंत्रता सेनानी, राज्य सरकार के सिविल, पुलिस तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी शहर के गणमान्य व्यक्ति तथा भूतपूर्व सैनिक अन्यों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।