जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग में आयोजित जनजातीय उत्सव में करीब 1200 महिलाओं ने 10 हजार फुट की ऊंचाई पर पारम्परिक नाटी डाली। केलांग के पुलिस मैदान में महिलाओं ने सुमद्रतल से साढ़े 10 हजार फुट की ऊंचाई पर नाटी डालकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
जनजातीय उत्सव में लाहौल घाटी के 28 पंचायतों के लगभग 100 महिला मंडलों की 1200 महिलाओं ने अपनी पारम्परिक वेशभूषा में सामूहिक नाटी डाली। लाहौली परिधान में सजी ये महिलाएं जब नाचने के लिए एक साथ मैदान में उतरीं तो मानो कुछ पल के लिए केलांग थम सा गया हो। वाद्य यंत्रों की धुन में हर कोई नाचने को मजबूर हो गया।
इस नाटी में प्रदेश के कृषि जनजाति विकास एवं सूचना प्रौधोगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकण्डा विशेष रूप से उपस्थित हुए। भारी संख्या में स्थानीय लोग इस नाटी के गवाह बने क्योंकि लाहौल के इतिहास में सामूहिक नाटी घाटी में पहली बार आयोजित की गई। डॉ.रामलाल मारकण्डा ने इस नाटी में शामिल हुए सभी महिला मंडलों को अपनी ऐच्छिक निधि से पांच-पांच हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की। मारकण्डा ने कहा कि मेले और त्योहार हमारी सभ्यता तथा संस्कृति के परिचायक हैं तथा इस तरह के आयोजनों से जहां आपसी मेल-जोल का मौका मिलता है। वहीं यह कार्यक्रम हमारी सभ्यता व संस्कृति को एक सूत्र में पिरोए रखने का काम करते हैं। उन्होंने इस तरह के आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन को बधाई दी। कार्यकारी उपायुक्त अमर नेगी ने बताया की सुमद्रतल से साढ़े 10 हजार की ऊंचाई में एक साथ हजारों महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में नाटी डालकर समा बांध दिया।