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मप्र के 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मंदसौर में आकाशीय बिजली गिरने से 3 घायल…

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मानसून ने एक बार फिर प्रदेश में दस्तक दे दी है। गुरुवार से शुरू हुआ बारिश का दौर मालवा-निमाड़ के कई जिलाें में शुक्रवार को भी जारी है। मंदसौर जिले में तेज बारिश के बीच शुक्रवार को आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोग घायल हो गए। वहींबड़वानी के ओझर में सुबह डेब नदी उफान पर आ गई, जिससे दुकानों और घरों में पानी घुस गया। तेज बहाव से नदी के बड़े पुल की रेलिंग टूट गई। बुरहानपुर में बारिश से रात में एक कच्चा मकान ढह गया, जिससे मलबे में तीन बच्चे दब गए, जिन्हें लोगों ने बाहर निकाला। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मप्र के 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

नीमच, मंदसौर, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, धार, शाजापुर, आगर, बुरहानपुर, आलीराजपुर और झाबुआ। वहीं इंदौर, उज्जैन, भोपाल, शहडोल, रीवा, सागर, चंबल, ग्वालियर, जबलपुर और होशंगाबाद संभाग के कई जिलाें में रिमझिम बारिश हो सकती है।ग्वालियर – 14.8, पचमढ़ी – 16, होशंगाबाद – 5, बैतूल -4, सतना – 4, उज्जैन – 2, गुना – 6, शाजापुर – 9, इंदौर – 5, खंडवा – 12, खरगोन – 23, भोपाल -5, रायसेन – 7.

मंदसौर में शुक्रवार को सीतामऊ के समीप मानपुरा में आकाशीय बिजली गिरने से खेत पर काम कर रहे तीन लोग घायल हो गए। वहीं तेज बारिश से बोराड में बाढ़ आ गई है। पिपलियामंडी, सेगांव और भगवानपुरा में तेज बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर आ गए हैं।

गुरुवार रात हुई तेज बारिश के कारण शहर सहित जिले भर में सड़कों और नदी-नालों से पानी बह निकला। शहर में दूध गली, फूल गली, अग्रसेन चौराहा, रेलवे स्टेशन रोड, शिवाजी चौक सहित अन्य क्षेत्रों में सड़कों पर घुटनों से ऊपर तक पानी भर गया। तीन पुलिया का नाला भी उफान पर रहा। बीड़, मूंदी, पंधाना, छैगांवमाखन, खालवा, गुड़ी, पुनासा, हरसूद, बोरगांव बुजुर्ग सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज बारिश हुई।

गुरुवार शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर रात 10.30 बजे तक चला, जिससे रात 8 बजे से शनवारा जल मग्न हो गया। रात 9.30 बजे शनवारा, मंडी चौक में 5 फीट, बुधवारा, राजपुरा रोड, लोहार मंडी पर 3 फीट, रोशन चौक, इंदिरा कॉलोनी, लालबाग सहित अन्य क्षेत्रों में दो से ढाई फीट तक पानी भरा गया। आरको कॉम्प्लेक्स, शनि मंदिर सहित अन्य क्षेत्र के बेसमेंट में पानी घुसा। पुराने शहर की गली-गली में घरों में पानी घुस गया। लोगों के बिस्तर सहित अन्य सामान भीग गया। रात करीब 10.30 बजे के बाद बारिश कम हुई। 11 बजे तक बारिश बंद हो गई। पिछले 48 घंटों में लगभग साढ़े तीन इंच से ज्यादा बारिश हुई। रात करीब साढ़े 10 बजे आलमगंज में मिट्टी का कच्चा मकान ढह गया, जिसमें तीन बच्चे मलबे में दब गए। जिन्हें आस-पास के लोगों ने मलबे से निकाला। 1 बालिका घायल हुए, जिसे जिला अस्पताल भेज दिया।

शहर सहित आसपास रातभर हुई बारिश के बाद कुंदा नदी में उफान पर आ गई है। पानी के पुल को छूटा देख प्रशासन ने सतकर्ता बढ़ा दी है। ऐहतियात के तौर पर होमगार्ड के जवानों को भी कुंदा नदी स्थल पर तैनात कर दिया गया है। तेज बारिश के चलते कई इलाकों में घरों में पानी भर गया। रानापुर में रातभर में 5 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। तेज बारिश के चलते रानापुर-कुंदनपुर मार्ग और रानापुर-छागोला मार्ग बाधित हुआ। खरगोन जिले में कई जगह निचली बस्तियों में पानी घुस गया। नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से महेश्वर, मंडलेश्वर, कसरावद, बड़वाह में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।

शहर में 22 दिन बाद जोरदार बारिश हुई है। बुधवार से गुरुवार रात तक ढाई इंच (63.7 मिमी) बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि इस वक्त की औसत बारिश से अभी भी पांच इंच कम है। अब तक इस सीजन में कुल 461.7 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि औसत 603 मिलीमीटर है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस दफा सावन बहुत बेहतर है। पिछले वर्ष सावन के लगभग 20 दिन सूखे ही बीत गए थे। आखिरी के दिनों में कुछ पानी गिरा था।

उड़ीसा कोस्ट और उसके आसपास डिप्रेशन बना हुआ है। यह पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ रहा है। एक टर्फ डिप्रेशन के सेंटर से बंगाल की खाड़ी तक गया है। एक द्रोणिका 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर है, जो दक्षिण-पूर्व राजस्थान से दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिण मप्र से होकर गुजर रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और इसके आसपास 3.1 किमी की ऊंचाई पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है।

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