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अटल की अंतिम यात्रा शुरू कई देशों के नेता मौजूद पैदल चल रहे PM मोदी-अमित शाह…

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बता दें कि, वाजपेयी का अंतिम संस्कार स्मृति स्थल में किया जाएगा। आप देख सकते हैं कि कैसे पार्टी कार्यकर्ता ,नेता, विपक्ष सब उनकी इस अंतिम यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इतना ही नहीं उनके अंतिम दर्शन को विदेशों से कई मंत्री पहुंचे।श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री वाजपेयी को अंतिम श्रद्धांजलि देने भाजपा मुख्यालय पहुंचेपूर्व पीएम को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे बांग्लादेश और नेपाल के विदेश मंत्री।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने पूर्व पीएम वाजपेयी को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

बीजेपी मुख्यालय में सबसे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने श्रद्धांजलि दी। उसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व पीएम वाजपेयी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।इस मौके पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

आंध्र प्रदेश की सीएम चंद्रबाबु नायडू ने अटल बिहारी वाजपेयी को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित बीजेपी मुख्यालय में दोपहर एक बजे तक पूर्व पीएम वाजपेयी के अंतिम दर्शन किए जाएंगे। उसके बाद उनकी अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से राष्ट्रीय स्मृति स्थल के लिए प्रस्थान करेगी। उनका अंतिम संस्कार शाम चार बजे किया जाएगा।
 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरा देश शोक संतप्त है। देश के तमाम बड़े नेता, फिल्मी हस्तियां सहित अन्य जगत के लोग उन्हें श्रद्धाजंलि देने पहुंच रहे हैं। बता दें कि, गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन हो गया था।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक ‘‘सर्व स्वीकृत नेता’’ करार दिया जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में भारतीय मूल्य कायम किए ।अटल जी के निधन पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू  ने श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने वाजपेयी को शिखर पुरुष बताते हुए कहा कि उनका निधन देश और भाजपा के लिए एक अपूरणीय क्षति है
अटल जी को हम सब ने एक आदर्श स्वयंसेवक, समर्पित कार्यकर्ता, कवि, ओजस्वी वक्ता व अद्भुत राजनेता के रूप में देखा। भाजपा के संस्थापक और प्रथम अध्यक्ष के नाते उन्होंने संगठन को अपने तप और अथक परिश्रम से सींच कर एक वटवृक्ष बनाया।
 
भागवत ने आरएसएस के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, ‘‘वाजपेयी एक प्रखर दृढ एवं सर्व स्वीकृत नेता और महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों को राष्ट्र जीवन में प्रतिष्ठित किया।’’उन्होंने कहा कि वाजपेयी के निधन से पैदा हुई शून्यता हमेशा बनी रहेगी। भागवत ने कहा, ‘दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने में हम राष्ट्र के साथ हैं।’ गौरतलब है कि आज शाम वाजपेयी (93) का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया।
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारतीय राजनीतिक फलक का चमकता सितारा बताया। उन्हें याद करते हुए महाजन ने कहा कि उनके निधन से हुई क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती है। उन्होंने एक बयान में कहा कि मातृभूमि का एक अनमोल रत्न खो गया ।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गैर-भाजपा समर्थक भी वाजपेयी से वाक शैली सीखने के लिए उनकी रैलियों में जाते थे। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने अपने ‘गुरु और मार्गदर्शक’ को खो दिया  

उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक जगत वाजपेयी का शुक्रगुजार है, जिन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा। वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के बताये गए मार्ग पर चलने की कोशिश कर रही है।लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुक रामविलास पासवान ने कहा कि कई लोग पद के कारण जाने जाते हैं लेकिन वाजपेयी के सामने प्रधानमंत्री का पद भी बहुत छोटा लगता था। अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर आज बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि वह हमारे महान मित्र और बांग्लादेश में काफी सम्मानित नेता थे। राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने कहा कि वाजपेयी के निधन से उपमहाद्वीप की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे शोक संदेश में हसीना ने कहा, “यह बांग्लादेश के लोगों के लिए काफी उदासी का दिन है।’

हसीना ने कहा कि उन्हें सुशासन के लिए योगदान के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और समृद्धि को प्रभावित करने वाले मुद्दों को रेखांकित करने के लिए याद किया जाएगा। वाजपेयी के निधन पर फिल्म जगत की हस्तियों ने जताया शोक वाजपेयी के निधन पर मशहूर गायिका लता मंगेशकर, दिग्गज अभिनेता रजनीकांत और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा सहित कई जानीमानी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। लता ने कहा कि वाजपेयी के निधन की खबर ने उन्हें झकझोर दिया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऋषितुल्य पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वर्गवास की वार्ता सुनके मुझे ऐसे लगा जैसे मेरे सर पर पहाड़ टूटा है, क्योंकि मैं उनको पिता समान मानती थी और उन्होंने मुझे अपनी बेटी बनाया था।’’ लता ने आगे लिखा, ‘‘मुझे वो इतने प्रिय थे कि मैं उनको दद्दा कहके बुलाती थी। आज मुझे वैसा दुख हुआ है जैसे मेरे पिता जी के स्वर्गवास के समय हुआ था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’अभिनेता से नेता बने रजनीकांत ने वाजपेयी को ‘महान राजनेता’ बताया
उन्होंने कहा, ‘श्री वाजपेयी जी जैसे महान राजनेता के निधन के बारे में सुनकर मैं दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’
प्रियंका चोपड़ा ने ‘दूरदर्शी विचारों’ और देश के प्रति योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया। गायक विशाल ददलानी ने अटल को दिग्गज नेता कहा गायक विशाल ददलानी ने वाजपेयी के निधन को एक ‘दिग्गज’ का जाना करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जिन ओछे राजनीतिक भाषणों को सुनते हैं, उसकी तुलना में उनके शब्दों के बीच आने वाले ठहराव में ज्यादा प्रभाव और गंभीरता होती थी।’’बाहुबली के निर्देशक राजमौली ने अटल को किया याद‘बाहुबली’ के निर्देशक एसएस राजमौली ने वाजपेयी को ऐसे राजनेता के तौर पर याद किया जो राजनीति में गरिमा और आत्म-सम्मान लाए। अभिनेता संजय दत्त ने वाजपेयी के निधन को देश के लिए ‘‘बड़ी क्षति’’ करार दिया।
अटल जी मूलत: कवि थे इसलिये जीवंत थे : अशोक चक्रधर
मशहूर हिंदी कवि अशोक चक्रधर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को साहित्य जगत के लिये अपार क्षति बताया है। चक्रधर ने वाजपेयी के साथ अपने तीन दशक के सानिध्य को याद करते हुये कहा  ‘अटल जी मूलत: कवि थे। जो कवि होता है वह जड़ता को समाप्त कर देता है। इसीलिये वह जीवंत थे, इसीलिये सभी के लिये वह स्वीकार्य थे और उनके लिये सभी स्वीकार्य थे।’
चक्रधर ने कहा कि वह राष्ट्रवादी होने के नाते दृढ़ संकल्पी जरूर थे लेकिन उनके स्वभाव में काव्यबोध था इसलिये वह व्यवहार में सरल और कोमल थे। उन्होंने वाजपेयी की अद्भुद संप्रेषण शैली का मुरीद बताते हुये कहा कि वह कटाक्ष भी अपने चुटीले अंदाज से करने की कला में माहिर थे। उन्होंने बताया ‘‘तीन दशक के जुड़ाव में मैंने वाजपेयी जी के बहुआयामी व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखने की भी कोशिश की। शायद इसी का नतीजा था कि वाजपेयी जी के काव्य पाठ वाले तमाम कवि सम्मेलनों के संचालन करने का मुझे सौभाग्य मिला।’’ इनमें वाजपेयी जी के जन्मदिन पर हर साल आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन खासतौर पर याद किये जायेंगे।
सोनिया और मनमोहन ने वाजपेयी को दी श्रंद्धाजलि
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दी। पार्टी के मुताबिक सोनिया और सिंह कृष्णा मेनन मार्ग स्थित वाजपेयी के आवास पर रात करीब 9:30 पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले सोनिया गांधी ने वाजपेयी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि वाजपेयी जीवन भर लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े रहे और यह प्रतिबद्धता उनके हर काम में परिलक्षित होती थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वाजपेयी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति वाजपेयी की सेवाओ को लंबे समय तक याद किया जाएगा।
हर दिल अजीज वाजपेयी की कमी खलेगी: शायर मुनव्वर राणा मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को इंसानियत के लिये बड़ा नुकसान बताते हुये कहा है कि इसकी भरपाई कर पाना आसान नहीं है। उन्होंने वाजपेयी के साथ अपनी यादें साझा करते हुये  बताया कि संसद भवन में एक कार्यक्रम के दौरान शायरों और कवियों की महफिल में अटल जी ने मंच पर बैठने के बजाय श्रोताओं के बीच बैठना पसंद किया। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को अदना सा कवि बताते हुये बड़ी ही शालीनता से अपनी कवितायें पढ़ने से खुद को दूर रखा।
मुनव्वर राणा ने कहा ‘‘वाजपेयी की शख्सियत में नफरत के लिये जगह ही नहीं थी, यही वजह है कि आज उनके न रहने पर पाकिस्तान में भी हजारों लोग रोए होंगे।’’ कवि परंपरा के लिये वाजपेयी के निधन को नुकसान बताते हुये उन्होंने कहा कि पं. नेहरू और गुजराल भी कविताओं के मुरीद थे लेकिन वाजपेयी मुल्क के एकमात्र प्रधानमंत्री थे जो खुद कवि भी थे। मुनव्वर राणा ने एक बार दिल्ली से लखनऊ तक अपने सफर को याद करते हुये बताया ‘‘हवाईअड्डे पर मुलाकात के बाद वाजपेयी जी ने हवाई जहाज में अपने सहायक से कहा कि हम दोनों अगल बगल की सीट पर ही सफर करेंगे।
हम दोनों ने लखनऊ तक का सफर कविताओं के आदान प्रदान के साथ तय किया।’’
वाजपेयी के फकीराना अंदाज को याद करते हुये उन्होंने अपना एक शेर कहा ‘‘हम अभी हैं तो हुनर हमसे हमारे ले लो, वरना हम भी एक दिन दीवार में लग जायेंगे।

गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि देश ने एक दूरदर्शी और जननेता खो दिया है।
अग्नाशय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए अमेरिका गए पर्रिकर ने ट्वीट कर कहा, “हमारे प्रिय नेता अटल जी के निधन से गहरे शोक में हूं। भारत ने एक महान नेता, जन नेता और दूरदर्शी खो दिया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और लोगों की सेवा में लगा दिया।”
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने प्रकट किया शोक
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए इसे देश के लिये बड़ा नुकसान बताया। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा ‘‘मुझे बहुत दुख है, यह देश के लिये बड़ा नुकसान है।’’ केजरीवाल आज सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ वाजपेयी की सेहत का हाल जानने एम्स गये थे। वाजपेयी गत 11 जून से एम्स में भर्ती थे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल ने जताया शोक बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
मलिक ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘अटल जी भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे। उनकी विद्वता तथा कवित्वपूर्ण भाषण-शैली में अद्भुत और अद्वितीय सम्मोहन-क्षमता थी।’’ नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि वाजपेयी के रूप में देश ने सबसे बड़े राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रखर वक्ता, कवि, लेखक, चिंतक, विचारक और करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया है । झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वाजपेयी के निधन पर गहरा दुःख एवं शोक प्रकट करते हुए आज कहा कि वह भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के लोकप्रिय नेताओं में एक थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का समापन हो गया। वाजपेयी को ‘सौम्य नेता’ एवं ‘भीष्म पितामह’ करार देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री सत्ता के अभिमान से हमेशा दूर रहे।
ठाकरे ने शोक संदेश में कहा, “मेरा दिल यह मानने को तैयार नहीं है कि अटल जी हमारे बीच नहीं हैं। वह हमारे दिलों में हैं। सत्ता से आने वाले अभिमान से वह हमेशा दूर रहे। वह एक सरल व्यक्ति और सौम्य नेता थे।” तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक जताया है। पुरोहित ने कहा कि वाजपेयी एक अद्भुत राजनेता, शानदार वक्ता, नेताओं और कवियों के आदर्श थे। उनके निधन से मुझे गहरा सदमा लगा और दुख हुआ है। द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि राजनीतिक विचारधारा में अंतर होने के बावजूद दिवंगत कलैनार एम करुणानिधि के वाजपेयी से सौहार्दपूर्ण संबंध थे। एएमएमके, डीएमडीके, एमडीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस ने भी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया है।
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर दुख प्रकट किया है। बेदी ने कहा कि वाजपेयी के निधन के साथ ही देश ने एक दिग्गज और बहुत ही अच्छे व्यक्ति को खो दिया। नारायणसामी ने कहा कि वाजपेयी एक महान राजनेता, एक सशक्त वक्ता, राष्ट्रीय एकता की नीति के हिमायती और अच्छे सांसद थे। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि उनके जाने से एक राजनीतिक शून्य पैदा हो गया है।
देवगौड़ा ने कहा, “वह एक अच्छे सांसद थे। राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया और देश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। वह एक शानदार वक्ता थे, जिन्होंने अपने विरोधियों पर निजी हमला नहीं किया।”राज्य के कई अन्य नेताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक जताया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने वाजपेयी को विरले प्रकार का नेता करार दिया। वाजपेयी के निधन पर भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येद्दियुरप्पा ने कहा कि यह देश और खासकर भाजपा के लिए बड़ी क्षति है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक जताया। मुखी ने कहा कि देश ने एक प्रतिष्ठित राजनेता को खो दिया है।
सोनोवाल ने वाजपेयी को राजनेता, विचारक, आईकॉन और स्वतंत्र भारत के महानतम नेताओं में से एक करार दिया।
केरल के सीएम ने भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर किया है। राज्यपाल पी सदाशिवम ने कहा कि देश ने अपने सबसे प्रिय और सम्मानित नेता को खो दिया है, जिनका करिश्मा राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वाजपेयी को महान सांसद, वक्ता और राजनयिक करार दिया जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के पक्ष को सशक्त तरीके से रखा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि ना सिर्फ भारत ने बल्कि दुनिया ने एक महान नेता और राजनयिक खो दिया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाजपेयी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि उनका जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
बनर्जी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री थीं। उन्होंने कहा कि उनके जेहन में उनकी स्नेहपूर्ण यादें हमेशा आती रहेंगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ बेहद दुख है कि महान राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं हैं। उनका निधन हमारे देश के लिए बड़ी क्षति है। मेरे जेहन में उनकी स्नेहपूर्ण यादें हमेशा रहेंगी। मेरी संवदेनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’’राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वश्रेष्ठ सांसदों में से एक करार दिया। वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें महान नेता करार दिया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक जताया है।
गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी वाजपेयी की निधन की सूचना मिलते ही दिल्ली रवाना हो गए। वहीं हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और प्रमुख नेताओं ने भी वाजपेयी को दूरदर्शी राजनेता करार देते हुए उनके निधन पर शोक जताया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि इससे भारतीय राजनीति के एक युग का अवसान हो गया। वाजपेयी भारतीय राजनीति के उत्सव मूर्ति थे : कुमार विश्वास अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर कवि कुमार विश्वास ने कहा है ‘‘समावेशी राजनीति में जो विचारों का विश्वविद्यालय है, उसका कुलपति चला गया। वाजपेयी भारतीय राजनीति के उत्सव मूर्ति थे, उनके आस-पास राजनीति का उत्सव नाचता था।’’
विश्वास ने  कहा ‘‘पिछले सौ वर्षों में लाल बहादुर शास्त्री के बाद वाजपेयी, दूसरे ऐसे ‘ अजातशत्रु‘ थे जिनके विपक्षी तो हुए लेकिन विरोधी कोई नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल में कुछ लोग इस ‘अटलवादी‘ विचारधारा के होते हैं जो सौम्य हैं, शालीन हैं, जो बात को गंभीरता से उठाते हैं और संसद से लेकर सड़क तक भाषा की मर्यादा का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेयी की महत्वाकांक्षा बस इतनी थी कि जीवन में कोई अपयश नहीं हो और जब जाउं तो लोग याद करें। यह बात उन्होंने अपने साक्षात्कारों में भी कही। विश्वास ने कहा ‘‘अटलजी का जाना कवियों के खानदान के लिये भी बड़ा नुकसान है। यह पत्रकारिता का नुकसान है, कविता का नुकसान है, राजनीति का नुकसान है, कुल मिलाकर देश का नुकसान है।’’उन्होंने कहा ‘‘कविता और भाषा दोधारी तलवार है, लेकिन वाजपेयी ने उस तलवार का इस्तेमाल ऐसे किया कि न अपना हाथ काटा, न दूसरे का सिर काटा। उन्होंने मुद्दे को खड़ा करने के लिए कविता का इस्तेमाल किया।’’ 

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