काल के कपाल पर लिखने-मिटाने वाली वो अटल आवाज़ हमेशा के लिए ख़ामोश हो गई. पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का कलशाम निधन हो गया. पिछले दो महीने से वो एम्स अस्पताल में भर्ती थे. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 5.05 मिनट पर अंतिम सांस ली. अटल जी का पार्थिव शरीर उनके निवास 6 कृष्ण मेनन मार्ग पर रखा गया था और उनका पार्थिव शरीर बीजेपी के पार्टी दफ़्तर लाया गया. अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर पहुंच रहे थे.
इसके चलते ही उनका पार्थिव शरीर कृष्णा मेनन मार्ग से 9 बजे की जगह 10 बजे बीजेपी मुख्यालय के लिए ले जाया गया. जहां उन्हें पीएम मोदी और अमित शाह ने श्रद्धांजलि दी. वहीं से दोपहर एक बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी और करीब 4 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. गठबंधन सरकार के जनक माने जाते रहे. छह साल तक 24 पार्टियों को साथ लेकर सरकार चलाई. भारत पाकिस्तान संबंधों को नया आयाम दिया
सेना के जिस वाहन में अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनको निवास से बीजेपी ऑफ़िस में लेकर जाया जायेगा. उसमें अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार के लोगों के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी रहेंगे.सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास के दरवाजे सुबह करीब साढ़े सात बजे खोले गये. बाद में वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित नव-निर्मित मुख्यालय पर ले जाया जाएगा. ‘राष्ट्रीय स्मृति’ स्थल के लिए उनकी अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे शुरू होगी.
लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को एम्स में वाजपेयी का निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. सुबह कृष्णा मेनन मार्ग पहुंचने वालों में शामिल 52 वर्षीय योगेश कुमार उत्तराखंड के उत्तरकाशी से अपने नेता के अंतिम दर्शन को आये हैं. लोग पूरी रात यात्रा करके दिल्ली आये हैं ताकि अपने नेता को एक अंतिम बार देख सकें. कुमार का दावा है, ‘1984 में जब वाजपेयी जी गंगोत्री जाने के दौरान उत्तरकाशी में रूके थे, तब मैं उनसे मिला था. 1986 में वह फिर से उत्तरकाशी आये.’ कुमार अपने साथ याद के रूप में अपनी और वाजपेयी जी की तस्वीर लेकर आये हैं. उनका कहना है, मैं अपने साथ गंगोत्री से गंगाजल लेकर आया हूं. आशा करता हूं कि उन्हें अंतिम बार देख सकूंगा