भारत वर्ष में श्रावण मास की सप्तमी के दिन तुलसीदास की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष 17 अगस्त 2018 यानी आज के दिन तुलसीदास की जयंती है. गोस्वामी तुलसीदास ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को ऐसा प्रवाहित किया कि वह धारा आज भी प्रवाहित हो रही है. गोस्वामी तुलसीदास ने रामभक्ति के द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया बल्कि सभी को श्रीराम के आदर्शों से बांधने का प्रयास भी किया. उन्होंने श्री राम की कथा “रामचरितमानस” के रूप में लिखी थी. रामचरितमानस को हिन्दू धर्म में अत्यंत पूज्य माना जाता है.
रामचरित मानस क्या है और क्यों हैं इसके दोहे और चौपाइयां इतनी महत्वपूर्ण ?
रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखी हुई “रामायण” है.
अतः इसकी एक एक पंक्ति मंत्र के समान प्रभावशाली है.
इसके अलग अलग अध्याय भी अलग से पढ़े जाते हैं.
विशेष मनोकामनाओं के लिए इसके अलग अलग पंक्तियों का पाठ करना उत्तम माना जाता है.
ये पढ़ने में सरल भी होते हैं और इनका प्रभाव भी अचूक होता है.
किस प्रकार करें रामचरित मानस की पंक्तियों का पाठ ?
राम दरबार की स्थापना करें.
सामने घी का दीपक जलाए.
प्रसाद चढ़ाएं या कम से कम तुलसी दल तो जरूर अर्पित करें .
इसके बाद तुलसी की माला से दोहे या चौपाई का कम से कम 108 बार जाप करें.
जाप के बाद अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
इसकी शुरुआत किसी भी मंगलवार, रविवार या नवमी तिथि को कर सकते हैं.
अलग अलग मनोकामनाओं के लिए, किन पंक्तियों का पाठ किया जाएगा ?
1. रोजगार की प्राप्ति के लिए
2. विपत्ति निवारण के लिए
जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी |
3. विद्या प्राप्ति के लिए
गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सब आयी |
4. विवाह और सुयोग्य वर के लिए
सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी |
5. रोग नाश के लिए
दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा |
दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी |
कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम |
तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम |