भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है और इस महीने में वह अधिक प्रसन्न रहते हैं. सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र चढ़ाना बेहद शुभ माना गया है. इसके अलावा भी भगवान शिव का खास तरीके से अभिषेक किया जाता है. ऐसा माना गया है कि भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित किया जाये तो इससे पुण्य प्राप्त होता है. अगर आप भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित करने के दौरान ‘बिल्वपत्र मंत्र’ का जाप करते हैं तो इससे आपको कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं.
बिल्वपत्र मंत्र :
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम्। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय।
इन मंत्रो के जाप से आपके घर में हमेशा सुख समृद्धि और शांति बनी रहेगी. दरअसल ऐसा कहा गया है कि बिल्व के पत्ते भगवान शिव की जटा के समान हैं, उसका त्रिपत्र यानी 3 पत्ते ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद हैं. जो कोई भी भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित करता है उसे सारे दुखों से मुक्ति मिल जाती है यही नहीं बल्कि बिल्वपत्र अर्पित करने से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं