मप्र आयुर्वेद छात्र संगठन ने बेमियादी हड़ताल के 9वें दिन अपना रुख और सख्त कर लिया है। एक छात्र ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। हड़ताल के समर्थन में कई छात्र और चिकित्सक संगठन भी आगे आए। लगभग 300 के करीब छात्र और डॉक्टर अब इस प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रख रहे हैं। लंबे समय से रोजगार और अन्य मामलों को लेकर परेशान हो रहे शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र आठ दिन से बेमियादी हड़ताल पर हैं। छात्र जितेंद्र भटेले आमरण अनशन पर महाविद्यालय परिसर के बाहर अन्य छात्रों के साथ बैठ गए हैं।
छात्र अध्यक्ष प्रवीण चौरे ने बताया कि अपनी मांगें मनवाने के लिए भूख हड़ताल ही अंतिम विकल्प रह गया है। प्रदर्शन प्रदेश स्तरीय तीन सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है। इसमें बेरोजगारी और स्टायपेंड प्रमुख विषय हैं। जूनियर डॉक्टरों को वर्तमान में 6 हजार रुपए स्टायपेंड मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया जाए। साथ ही पीएससी और एनआरएचएम के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती की जाए। विभाग में पदों की स्वीकृति के बाद भी विज्ञापन जारी नहीं किया जा रहा है।