क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उन्हें राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक सादे कार्यक्रम में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. पूर्व क्रिकेटर को पाकिस्तान के नव-निर्वाचित सांसदों ने कल ही अपना नया प्रधानमंत्री चुना. आम चुनावों में 116 सीटों के साथ इमरान की पार्टी पीटीआई सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. बाद में नौ निर्दलीय उम्मीदवारों के खान की पार्टी में शामिल होने से उनकी संख्या बल बढ़कर 125 हो गई.
शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत से पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू गये. इमरान खान ने निजी संबंधों के आधार पर सिद्धू, सुनील गावस्कर और कपिल देव को आमंत्रित किया था. हालांकि कपिल देव और गावस्कर शपथग्रहण समारोह में नहीं गये. इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेते वक्त ठीक से उच्चारण नहीं कर पाए इमरान. राष्ट्रपति ने टोकाशपथग्रहण समारोह शुरू. इमरान को राष्ट्रपति ममनून हुसैन दिलाएंगे शपथ
राष्ट्रपति भवन पहुंचे इमरान खान, थोड़ी देर में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.अपने आवास से समारोह स्थल के लिए निकले इमरान खान. शपथ ग्रहण में हो रही है देरी. इमरान खान की पत्नी पहुंची.इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मिले नवजोत सिंह सिद्धू. थोड़ी देर में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे इमरान खान
कल प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि मैं किसी तानाशाह के कंधों पर चढ़कर नहीं आया; मैं 22 सालों के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूं. सिर्फ एक नेता ने मुझसे ज्यादा संघर्ष किया और वह मेरे हीरो (पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली) जिन्ना थे.
इमरान के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत से बेहतर संबंध की उम्मीद जगी है. चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को फोन कर जीत की बधाई दी थी और द्विपक्षीय रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत की उम्मीद जताई थी. खान ने भी प्रधानमंत्री को बधाई के लिए थैंक्यू कहा था. इससे पहले 26 जुलाई को इमरान खान ने जीत के बाद भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर कहा था कि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा. भारत के साथ अच्छे संबंध के साथ भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते चाहते हैं.
हालांकि पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान लगातार भारत खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते नजर आए थे. भारत में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान के शासनकाल में भी रिश्ते सुधरने की उम्मीद कम है. इसकी बड़ी वजह इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच नजदीकी है. पाकिस्तानी सेना कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए जानी जाती है. आपको बता दें कि पूर्ववर्ती पीएमएल (एन) की सरकार के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब रहे थे.